रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए महिला कर्मचारी सहित 2 गिरफ्तार: पेंशन और GPF के लिए मांगे थे 97 हजार की रिश्वत; 39 हजार लेते पकड़ाएं, ACB ने किया गिरफ्तार

रायपुर। छत्तीसगढ़ में ईओडब्ल्यू की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए रिश्वत लेते महासमुंद जिले के दो बाबू को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। पकड़े गए महिला सहित दोनों आरोपी पशु चिकित्सा सेवाएं कार्यालय महासमुंद में पदस्थ है। दोनों आरोपी 39 हजार रिश्वत लेते पकड़े गए है। जिले में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने पशु चिकित्सा विभाग के दो बाबू उमाशंकर गुप्ता और सविता त्रिपाठी को 39 हजार रुपए नगद लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। पेंशन मामले में दोनों क्लर्क ने सुरेखा बाई रावत से 97 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी। इसकी शिकायत सुरेखा ने ACB से की थी।

पशु चिकित्सा विभाग की रिटायर्ड महिला चपरासी सुरेखा बाई रावत ने बताया कि वो दो बार में 57 हजार रुपए दोनों क्लर्क को दे चुकी थी। इसके बावजूद क्लर्क उमाशंकर गुप्ता और सविता त्रिपाठी का लालच बढ़ता जा रहा था। उन्होंने उससे और 40 हजार रुपए की डिमांड की थी। आरोपी उमाशंकर गुप्ता सहायक ग्रेड- 1 और सविता त्रिपाठी सहायक ग्रेड- 2 कर्मचारी हैं। बार-बार रुपए मांगे जाने से तंग होकर सुरेखा बाई ने ACB से शिकायत की। जिसके बाद योजनाबद्ध तरीके से ACB ने सुरेखा को केमिकल लगे 39 हजार रुपए दिए।

रिटायर्ड चतुर्थ श्रेणी की कर्मचारी सुरेखा ने दोनों क्लर्क को एंटी करप्शन ब्यूरो से मिले 39 हजार रुपए को थमाया। इधर एंटी करप्शन ब्यूरो रायपुर की 15 सदस्यीय टीम ने DSP विक्रांत राही की अगुवाई में छापा मारा और दोनों को रंगेहाथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। बाबू उमाशंकर गुप्ता और सविता त्रिपाठी के हाथों को धुलवाया गया, तो उसमें से रंग निकलने लगा। इसके बाद ACB रायपुर की टीम ने दोनों आरोपियों उमाशंकर गुप्ता और सविता त्रिपाठी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट में पेश किया है।

सेवानिवृत्त चपरासी सुरेखा रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि वह शासकीय पशु प्रजनन प्रक्षेत्र अंजोरा में पदस्थ थीं और 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हुई हैं। सेवानिवृत्ति के बाद उसका पेंशन और जीपीएफ का काम चल रहा था। इसे बनाने के लिए पशु चिकित्सा सेवाएं महासमुंद कार्यालय के सहायक ग्रेड- 1 उमाशंकर गुप्ता और सहायक ग्रेड- 2 सविता त्रिपाठी ने रिश्वत की मांग की थी।