44 employees dismissed
रायगढ़। पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग रायगढ़ में वर्ष 2012 में की गई चतुर्थ श्रेणी भर्ती में अनियमितता और धांधली की पुष्टि के बाद शासन ने 44 कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी है। यह कार्रवाई 13 वर्षों की लंबी जांच प्रक्रिया के बाद की गई है, जिसमें भर्ती प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी, आरक्षण प्रणाली के उल्लंघन और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सिद्ध हुए।
वर्ष 2012 में विभाग द्वारा आकस्मिक निधि अंतर्गत स्वच्छक, परिचारक और चौकीदार के 32 पदों के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया गया था। हालांकि, नियमानुसार केवल 32 पद स्वीकृत थे, परंतु विभाग ने 44 पदों पर नियुक्ति कर दी। यह गंभीर अनियमितता शिकायतकर्ता आनंद विकास मेहरा की ओर से जिला पंचायत अध्यक्ष को 10 अगस्त 2012 को सौंपी गई शिकायत के बाद सामने आई।
शिकायत पर तत्कालीन अपर कलेक्टर एस.के. शर्मा ने जांच की और 14 सितंबर 2012 को रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसके आधार पर 27 सितंबर 2012 को भर्ती आदेश निरस्त कर दिए गए। इस पर प्रभावित कर्मचारियों ने उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त किया। अदालत के निर्देश पर दोबारा जांच कर 27 मार्च 2025 को विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, जिसमें अनियमितताओं की पुष्टि हुई।
तीन कर्मचारियों का आकस्मिक निधन भी हो चुका है:
श्रीबंत पंडा (घरघोड़ा), मुकेश मारावी (चिमटापानी), गणेश नाग (घटगांव)।
यह कार्रवाई शासन के भीतर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। इससे स्पष्ट संदेश जाता है कि वर्षों पूर्व की गई गड़बड़ियों पर भी शासन की निगरानी बनी हुई है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
