भिलाई के HSLT में निकला 5 फीट का स्पेक्टेकल्ड कोबरा सांप: कई घंटे दहशत में रहें कर्मी… स्नेक कैचर राजेश ने किया रेस्क्यू; जानिए गर्मी में क्यों निकलते हैं सांप?

भिलाई। गर्मी के दिनों में अक्सर अलग-अलग प्रकार के सांप नजर आते हैं। गर्मी के सीजन में सांप को पर्याप्त एनर्जी मिलती है और उनका मेटाबॉलिज्म बूस्ट हो जाता है, इसलिये वे हाइपर एक्टिव हो जाते हैं। शिकार की तलाश में निकलते हैं और प्रजनन भी करते है। शुक्रवार को दुर्ग जिले के भिलाई स्थित एचएसएलटी कंपनी में पांच फीट लंबा कोबरा सांप घुस आया। सांप को देखते ही काम करने वाले लोग के होश उड़ गए और वें सब दर गए। करीब 45 मिनट तक सांप वहीं पर बैठा रहा। बाद में स्नैक कैचर राजेश महादेव ने उसे रेस्क्यू किया और जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया। कई लोगों के मन में अक्सर ये सवाल आता हैं कि आखिर गर्मी में ही ऐसी घटनाएं क्यों बढ़ती हैं। तो चलिए आज हम इस सवाल का जवाब जान लेते हैं।

45 मिनट तक एक जगह बैठा रहा नाग
दरअसल, पूरा मामला एचएससीएल कंपनी का है, जहां दोपहर में पांच फीट लंबे कोबरा सांप के आ जाने से वहां मौजूद काम करने वाले लोगों का सांसें फूल गईं। यह कोबरा सांप वहां एक कोने में लगभग 45 मिनट तक बैठा रहा। सांप को देख कर्मियों दहशत में आ गए, कर्मियों के द्वारा इस बीच स्नैक कैचर को फोन किया और सांप को रेस्क्यू करने के लिए स्नैक कैचर राजेश महादेव बुलाए गए। कुछ ही देर में स्नेक कैचर एचएससीएल पहुंच गए।

राजेश अब तक 10 हजार सांपों को कर चुके हैं रेस्क्यू
उन्होंने थोड़ी मशक्कत के बाद कोबरा सांप पकड़ लिया और डब्बे में भरकर अपने साथ लेकर चले गए। वहां उन्होंने सांप को जंगल में छोड़ दिया। वहीं स्नैक कैचर राजेश महादेव ने कहा कि स्पेक्टेकल्ड कोबरा बहुत जहरीला सांप होता है। इसे भारत में सबसे ज्यादा जहरीला प्रजाति वाला सांप कहा जाता है। इस सांप को काटने के 3 घंटे के अंदर इंसान की मौत हो जाती है। अब तक में 10000 सांप रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा है। सांप देखकर मुझे फोन करने से तुरंत में जगह पर पहुंच जाता हूं। यह सेवा निशुल्क करता हूं। अगर आपके के आस पास भी सांप निकले तो आप राजेश महादेव से +91 79749 37882 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।

गर्मी के दिनों में क्यों निकलते हैं सांप
ABP न्यूज़ में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, गर्मी के दिनों में अक्सर लोगों के घरों या किसी स्वीमिंग पुल में सांप निकलने की घटनाएं सामने आती हैं। साथ ही इस मौसम में सांपों के काटने की घटनाओं में भी इजाफा हो जाता है। दरअसल सांप ‘कोल्ड ब्लडेड’ यानी ठंडे खून वाले जानवर हैं। जिसका मतलब है कि वो अपने शरीर का तापमान खुद मेंटेन नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा ठंड के दिनों में पर्याप्त एनर्जी नहीं मिलने से सांप का मेटाबॉलिज्म भी बहुत स्लो हो जाता है, जिसकी वजह से वो न तो तेजी से भाग सकते हैं और न ही शिकार कर सकते हैं।

शिकार की तलाश में निकलते हैं सांप
यही वजह है कि वो ज्यादातर समय सोते हुए बिताते हैं। साथ ही वो ये कोशिश भी करते हैं कि जो एनर्जी उन्होंने इकट्ठी की है, उसे स्टोर करके रखें, लेकिन गर्मी का मौसम शुरू होनेे और तापमान बढ़ने के साथ ही ये अपने बिल से बाहर निकल जाते हैं। वहीं सांपों को गर्मी में पर्याप्त एनर्जी मिल जाती हैै और उसका मेटाबॉलिज्म बूस्ट हो जाता है, यही वजह है कि इस दौरान वो हाइपर एक्टिव हो जाते हैं और शिकार की तलाश में निकल जाते हैं। साथ ही वो इस दौरान प्रजनन भी करते हैं।

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