भिलाई के कई इम्पोर्टेन्ट लोकेशन पर 50 प्लॉट है अवेलेबल: भिलाई निगम करेगा नीलाम… दक्षिण गंगोत्री, नेहरू नगर ईस्ट और प्रियदर्शिनी में कितने-कितने प्लॉट्स उपलब्ध? जानिए और प्रक्रिया भी

  • कौन-कौन से लोकेशन में उपलब्ध है प्लॉट? खबर में जानिए
  • वेबसाइट में सेलेक्ट कर सकते है पसंदीदा प्लॉट
  • मार्केट वैल्यू का 10% अमानत राशि जमा करना अनिवार्य

भिलाई। भिलाई के अहम लोकेशन पर निगम द्वारा 50 प्लॉट्स की नीलामी की जाएगी। सुपेला के दक्षिण गंगोत्री, नेहरू नगर पूर्व और प्रियदर्शिनी परिसर पश्चिम जैसे अहम लोकेशन है। पूर्व साडा वर्तमान नगर निगम भिलाई क्षेत्रांतर्गत विभिन्न लोकेशन पर प्लाट आबंटन के लिए उपलब्ध है। जिसे शासन से प्राप्त मार्गदर्शन अनुसार भूखण्डो की नीलामी करके अधिकतम बोली दाता को प्लाट आबंटित किये जाएंगे। नगर निगम भिलाई के वेबसाईड पर नगर तथा ग्राम निवेश दुर्ग से अनुमोदित चिन्हित मानचित्र के अनुसार 50 भूखण्ड नीलामी हेतु उपलब्ध है।

कौन-कौन से लोकेशन में उपलब्ध है प्लॉट?
मिली जानकारी के अनुसार, प्रमुख रूप से नगर निगम भिलाई के जोन-01 नेहरू नगर में मोतीलाल नेहरू नगर पूर्व के 10 भूखण्ड, दक्षिण गंगोत्री व्यावसायिक योजना के 10 भूखण्ड, प्रियदर्शिनी परिसर पश्चिम व्यावसायिक योजना के 4 भूखण्ड है। इसी तारतम्य में जोन-02 वैशाली नगर के जवाहर नगर आवासीय योजना के 6 भूखण्ड एवं जोन-03 मदर टेरेसा नगर आवासीय योजना के 7 भूखण्ड तथा जोन-04 शिवाजी नगर आवासीय योजना के 13 भूखण्ड उपलब्ध है। इस प्रकार कुल 50 भूखण्डो के संबंध में जानकारी नगर निगम के वेबसाईट htpps://eproc.cgstate.gov.in पर अपलोड कर दिया गया है।

वेबसाइट में सेलेक्ट कर सकते है पसंदीदा प्लॉट
प्लॉट खरीदने वाले इच्छुक व्यक्ति संबंधित पोर्टल पर अपने पसंद का प्लाट चयन कर सकते है। भूखण्ड के संबंध में अधिक जानकारी की किस प्लॉट के लिए, कितनी अमानत राशि जमा करके नीलामी में सहभागी बना जा सकता है, उसका उल्लेख है। भूखण्ड के वास्तविक लोकेशन के बारे में जानकारी जोन के राजस्व अधिकारी से प्राप्त की जा सकती है।

मार्केट वैल्यू का 10% अमानत राशि जमा करना अनिवार्य
गौरतलब है, कि सभी भूखण्ड पूर्णतः रिक्त है, जारी किये गये नक्शे के अनुरूप है। आबंटन की प्रक्रिया शासन द्वारा निर्धारित बाजार मूल्य का 10 प्रतिशत अमानत के रूप में जमा करना अनिवार्य है। उसके बाद नीलामी में भागीदार बना जा सकता है। अधिकतम बोली दाता को भूखण्ड आबंटित किया जायेगा। निर्धारित तिथि के अंदर प्रक्रिया में शामिल होना अनिवार्य है। आबंटन कि प्रक्रिया पश्चात नियमानुसार आबंटिती को भूस्वामीत्व प्रदान किया जायेगा।

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