रायपुर। आम तौर पर आपने ये सुना होगा कि फुटपाथ पर लगी स्ट्रीट लाइटें बिजली से चलती हैं, अभी के दौर में सोलर एनर्जी भी एक बढ़िया विकल्प है। आपको जान के हैरानी होगी की जल्द ही रायपुर के फुटपाथ राहगिरों के चलने से बनने वाले दबाव से रौशन होगी।

गुरुवार को रूंगटा इंजीनियरिंग कॉलेज रायपुर में एनर्जी कंजरवेशन डे के मौके पर स्टूडेंट्स ने यह आइडिया वर्किंग मॉडल के साथ पेश किया। स्टूडेंट्स ने बताया कि इस तकनीक को पीजोइलेक्ट्रिक सड़क कहा जाता है, जिसका इस्तेमाल वर्तमान दौर की जरूरत है।


इस तकनीक के जरिए ट्रैफिक सिग्नल से लेकर स्ट्रीट लाइटों को आसानी से चलाया जा सकता है। प्रोजेक्ट तैयार करने वाले स्टूडेंट्स रूपल धुरदे और विपिन गुप्ता ने बताया, सड़क पर रोजाना लाखों लोग चलते है।

सड़क के नीचे लगाई गई पिजियो प्लेट पर जैसे ही दबाव पड़ेगा, इससे वाइब्रेशन होगा, जो एनर्जी में कनवर्ट होगा। इसमें बैटरी की जरूरत भी नहीं होगी, जिससे खर्च में कमी आएगी। स्टूडेंट्स जल्द ही नगर निगम रायपुर सहित अन्य अथॉरिटी से मुलाकात कर अपना आइडिया शेयर करेंगे।

बिजली बचाने का तरीका
कार्यक्रम तकनीकी विश्वविद्यालय सीएसवीटीयू और क्रेडा रायपुर के सहयोग से कराया गया। स्टूडेंट्स को मोटिवेशन देने के्रडा रायपुर के ईई संजीव जैसे शामिल हुए। स्टूडेंंट्स को रिन्यूएबल एनर्जी बचाने के लिए प्रेरित किया। उदाहरण देकर तरीके सुझाव।

एनर्जी ऑडिट पर जोर दिया। बेमेतरा जनपद पंचायत के सीईओ शिशिर शर्मा ने कार्यक्रम में कम साधनों के साथ जैविक खेती करने का तरीका बताया। सीडबॉल के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में रूंगटा रायपुर के डायरेक्टर डॉ. वाईएम गुप्ता, प्राचार्य डॉ. डीएन देवांगन और कार्यक्रम समन्वयक डॉ. मनीषा अग्रवाल शामिल रहीं।


