भिलाई। साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे के रायपुर डिविशनल रेलवे मैनेजर (DRM) शनिवार को भिलाई-3 रेलवे स्टेशन में अचानक निरिक्षण के लिए पहुंचे। DRM संजीव कुमार ने रेलवे ट्रैक, सिग्नल और रिले रूम का मुयाना किया। DRM साहब कई इंजीनियरिंग और S&T विभाग के कामों से खुश नही आए। कामों में खामियां निकालते हुए उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों की क्लास लगा दी। भविष्य में इस प्रकार की कमी नजर आने पर उन्होंने अधिकारीयों को कार्रवाई की चेतावनी भी दे डाली।

DRM को अचानक देख भिलाई-3 का पूरा रेलवे स्टाफ चौंक गया। उनके साथ रायपुर रेल मंडल के कई सीनियर अधिकारी भी मौजूद थे। डीआरएम ने सबसे पहले स्टेशन प्रबंधक कार्यालय के उपर प्रथम तल पर स्थित रिले रूम को देखा। इसके बाद सर्किट, इंटरलॉकिंग, डाटा लॉगर, रिले, पाइंट ऑपरेशन, माइक्रो लॉक के बारे में एस एंड टी विभाग के अधिकारियों से जानदकारी ली। डीआरएम ने रिले रुम में मशीनों को चलायमान बनाए रखने और रखरखाव की मौजूदा व्यवस्था पर नाराजगी जताई।

उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी अगर उन्होंने दोबारा रिले रुम की साफ सफाई और व्यवस्था में कोताही पाई तो वह सीधे कार्रवाई करेंगे। इस अवसर पर उनके साथ मुख्य स्टेशन प्रबंधक हिमांशु कुमार, वरिष्ठ मंडल अभियंता टीआरडी अनुराग तिवारी, वरिष्ठ मंडल अभियंता बिजली सामान्य रमेश पोफली, मंडल सुरक्षा अधिकारी आरके विश्वाल, वरिष्ठ तकनीशियन महेंद्र पाठक, आरपीएफ भिलाई की ओसी पूर्णिमा राय बंजारे सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

डीआरएम ने इंजीनियरिंग व एस एंड टी विभाग के अधिकारियों को साथ लेकर पैदल मुख्य रेलवे ट्रैक का निरीक्षण किया। उन्होंने स्टेशन से रायपुर की दिशा में एक नंबर प्लेटफार्म से होते हुए गांधी नगर के मुस्लिम कब्रिस्तान तक तीनों रेलवे ट्रैक और सिग्नल सिस्टम का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने रेलवे ट्रैक का प्रॉपर डिस्टेंस, क्रॉसिंग और प्वाइंट पर आइलिंग और साफ सफाई सहित खंभे की नंबरिंग की जांच की। इस दौरान उन्होंने कई खामियां निकाली और उन्हें दूर करने के निर्देश दिए।

इसके बाद वे दुर्ग की दिशा में डबरा पारा नहर तक रेलवे ट्रैक और सिग्नल सिस्टम का निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक सुधार करने का निर्देश दिया। निरीक्षण के दौरान डीआरएम ने वॉटर बूथ का भी जायजा लिया। डीआरएम सीधे रिले रूम जा रहे थे। इस दौरान उन्होंने रिले रूम की सीढ़ी के करीब बने वाटर बूथ की गंदगी को साफ करते हुए देखा।

सफाई कर्मचारी बाहर से पानी ला रहे थे। इस पर एक अधिकारी ने पूछा तो पता चला कि वाटर बूथ के नल से पानी ही नहीं आ रहा है। थोड़ी देर में पता चला कि प्लेटफार्म नंबर एक पर जीआरपी थाने के पास का वाटर बूथ और वाटर फ्रीजर को छोड़ स्टेशन के किसी भी वाटर बूथ के नल से पानी नहीं आ रहा है। यह देख बाद वाटर सप्लाई विभाग हड़बड़ा गया। गनीमत यह रही कि डीआरएम ने वाटर बूथ के नल को चलाकर नहीं देखा। इससे विभागीय लापरवाही की सच्चाई सामने नहीं आई।


