महादेव ऐप मामले में आरोपी असीम दास कोर्ट में अपने बयान से मुकरा, कहा- “मैंने कभी किसी राजनेता को कैश नहीं पहुंचाया है”

रायपुर। महादेव जुआ ऐप मामले में इस महीने की शुरुआत में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए गए ड्राइवर असीम दास ने अपने उस बयान को वापस ले लिया है, जिसमें उसने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चुनाव के लिए पैसे पहुंचाने की बात कही थी। दास ने अदालत को पत्र लिखकर कहा है कि उसे गलत तरीके से फंसाया जा रहा है। ईडी ने उससे अंग्रेजी में लिखे बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया, जिस भाषा को वह नहीं समझता। उसने कहा मैंने कभी किसी राजनेता को कैश नहीं पहुंचाया है। ED ने आरोप लगाया था कि दास ने CM बघेल को 508 करोड़ रुपए देने की बात कबूली थी।

बता दें कि कथित कैश कूरियर असीम दास और कांस्टेबल भीम सिंह यादव को ईडी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण से चार दिन पहले 3 नवंबर को गिरफ्तार किया था। दास के वकील शोएब अल्वी के मुताबिक, दोनों को उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर शुक्रवार (24 नवंबर) को धन शोधन निवारण अधिनियम मामलों के विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत के समक्ष पेश किया गया।

दास के वकील शोएब अल्वी ने जानकारी दी कि अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत सात दिन के लिए बढ़ा दी। समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक, दास ने जेल से ईडी के निदेशक को पत्र लिखा था और 17 नवंबर को प्रधानमंत्री कार्यालय समेत उच्च अधिकारियों को भी भेजी थीं। अल्वी ने कहा कि उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है और केंद्रीय जांच एजेंसी ने उन्हें अंग्रेजी में एक बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया, जिस भाषा को वह नहीं समझते हैं।

ईडी ने 3 नवंबर को दावा किया था कि फोरेंसिक विश्लेषण और कैश कूरियर दास के एक बयान से चौंकाने वाले आरोप लगे हैं कि महादेव सट्टेबाजी ऐप प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया था, और ये विषय जांच का विषय है।

ईडी ने कहा, दास के पास से 5.39 करोड़ रुपये नकद पाए जाने के बाद उसे रायपुर में गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि उन्हें सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के चुनावी खर्चों के लिए बड़ी मात्रा में नकदी देने के लिए यूएई से ऐप प्रमोटरों द्वारा भेजा गया था।

एजेंसी ने एक बयान में आरोप लगाया कि दास ने स्वीकार किया है कि जब्त की गई धनराशि महादेव ऐप प्रमोटरों द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में आगामी चुनाव खर्चों के लिए एक राजनेता ‘बघेल’ को देने की व्यवस्था की गई थी।हालांकि, मुख्यमंत्री बघेल ने आरोप से इनकार किया और भाजपा पर चुनाव में हार की आशंका के चलते ईडी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।