भिलाई। बीएसपी वर्कर्स यूनियन ने इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी को पत्र लिखकर भिलाई इस्पात संयंत्र और सेल कर्मचारियों के वर्षों से लंबित मुद्दों का शीघ्र समाधान करने की मांग की है। यूनियन का कहना है कि भिलाई इस्पात संयंत्र और सेल प्रबंधन की तानाशाही, वादाखिलाफी, कर्मियों से किए जा रहे अन्याय, भेदभाव से झुब्ध हैं। एरियर भुगतान समेत लंबित मांगों को जल्द पूरा करने सेल प्रबंधन को निर्देशित किया जाए और अफसरों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।

बीएसपी वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष उज्ज्वल दत्ता ने इस्पात मंत्री को भेजे गए पत्र में इस बात का जिक्र किया है कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आज सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मूलमंत्र को लेकर चहुमुखी विकास की ओर अग्रसर है| इससे निश्चित रूप से देश के इस्पात उद्योग में क्रांति आई है। सेल विकास की दिशा में निरंतर अग्रसर है। लगभग 12,000 से ज्यादा बीएसपी कर्मचारी और सेल में कार्यरत हजारों कर्मचारी और उनका परिवार इस्पात उद्योग से जुड़े हैं, इसीलिए मैं भिलाई इस्पात संयंत्र और सेल के कर्मचारियों की कुछ मुख्य समस्याओं से आपको अवगत कराना चाहता हूं। उम्मीद है कि कर्मचारियों को न्याय मिलेगा।

यूनियन के पदाधिकारियों ने कहना है कि बीएसपी और सेल प्रबंधन बात-बात पर केंद्र सरकार को बदनाम करने में लगा है। हर बात पर केंद्र की गाइडलाइन होने का झूठा और भ्रामक प्रचार करने से बाज नहीं आ रहा है। किसी भी मुद्दे को सुलझाने के बजाय उलझाने पर पूरा फोकस रहता है। केंद्र सरकार के खिलाफ कर्मियों को निरंतर गुमराह किया जा रहा है। ऐसा लगता है मानो किसी साजिश के तहत ऐसा किया जा रहा है।
दत्ता ने कर्मियों के खिलाफ किए जा रहे साजिश को सामने रखते हुए पत्र में लिखा है कि एक जनवरी 2017 से सेल के गैर कार्यपालकों का वेतन समझौता लंबित है। बार-बार इस ओर ध्यान आकृष्ट करने के बावजूद सेल प्रंबधन का रवैया तानाशाही से भरा है। वह देश के संसद को भी गुमराह कर रहा है। प्रबंधन का यह रवैया केंद्र सरकार की ओर से समय-समय पर जारी किए गए दिशा-निर्देशों का खुला उलंघन है।

पत्र में बताया गया है कि सेल में कार्यरत कर्मचारियों के अनुसार उनका वेतन समझौता एक जनवरी 2017 से लंबित है, जिस पर प्रबंधन ने मनमाने रूप से फैसला लेते हुए NJCS के गाइड लाइन का खुला उलंघन कर अक्टूबर 2023 में अपूर्ण रूप से बिना सभी NJCS यूनियन के सहमति से आधा अधूरा बिना MOA (memoram of agreement) किए लागू कर दिया। भिलाई इस्पात संयंत्र सहित सेल के 60,000 से भी अधिक गैर कार्यपालक और उनका परिवार बीते सात वर्षों से अपने सम्मानजनक वेतन समझौते के इंतजार में है। वहीं कार्यपालकों का वेतन समझौता तुरंत हो गया।
लंबित सेल के का वेतन समझौता के संबंध में प्रबंधन हमेशा यह दलील सामने रखते आया है कि समझौता पूर्ण हो चुका है, पर सच्चाई यह है कि अभी MOA (memoram of agreement) ही नहीं हुआ है।

पत्र में कहा गया है कि सात वर्ष बीत जाने के उपरांत भी अभी तक वेतन समझौता किस कारण से लंबित है? यह कब तक पूरा हो पाएगा ? क्या सेल के गैर कार्यपालकों पर डीपीई के अफॉर्डेबिलिटी क्लाज का नियम लागू होता है? किसकी आड़ लेकर एरियर का भुगतान नहीं किया जा रहा है ? या केंद्र सरकार को बदनाम किया जा रहा है। कर्मचारियों का रुका हुआ 39 महीने का फिटमेंट एरियर और 58 महीने का पर्क्स का एरियर का भुगतान कब तक होगा ?
कर्मचारियों का वेतन वृद्धि की दर एक समान हो
सेल के अधिकारियों को 15% एमजीबी और 35% वैरियेबल पर्क्स दिया गया है परंतु कर्मचारियों को अधिकारियों की तुलना में MGB 2% और Perks 8.5% कम किस नियम के तहत दिया जा रहा है? जबकि एक ही संस्था में कार्य कर रहे कर्मचारियों का वेतन वृद्धि की दर एक समान होना चाहिए फिर यह अन्याय क्यों ? गृह भाड़ा भत्ता (HRA ) पर निर्णय एक जनवरी 2012 से (दो वेतन समझौता बीत जाने के बावजूद) आज पर्यंत तक लंबित है, जिससे कर्मचारियों को बहुत अधिक आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस पर कब तक निर्णय हो पाएगा।
कर्मचारियों और अधिकारियों के मध्य है कई असमानता
पत्र में आगे कहा गया है कि वर्तमान में कर्मचारियों और अधिकारियों के मध्य कई प्रकार की असमानता व्याप्त है। उदाहरण के तौर पर कर्मचारी वर्ग को EL-190 दिन, HPL- 120 दिन, CL -7, Com-10 दिन अधिकतम मिलता है। वहीं दूसरी तरफ अधिकारी वर्ग को EL-300 दिन, HPL- Unlimited दिन, CL -15 दिन और Com leave Unlimited दिन दिया जाता है, ऐसा क्यों ? इस प्रकार की अलग अलग व्यवस्था प्रबंधन की भेदभावपूर्ण और ओछी मानसिकता को दर्शाता है। आशा है कि अंतत: विलम्ब से सही पर आपके माध्यम से इन सभी कर्मचारियों और उनके परिवार को न्याय मिल पाएगा।