भिलाई। स्मृति नगर चौकी में बुधवार को जिस आरोपी के लिए बवाल हुआ था, उसकी रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में ब्रेन स्ट्रोक से मौत हो गई। भिलाई नगर सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी ने बताया कि आरोपी पिंटू नेताम को मिर्गी के दौरे की शिकायत थी। चौकी या जेल में मारपीट का आरोप भ्रामक है। आरोपी पिंटू नेताम की ब्रेन स्ट्रोक से मौत हुई है। विचाराधीन बंदी की मृत्यु की मजिस्ट्रियल जाँच विधि अनुरूप की जाएगी।


बता दें कि बुधवार को आरोपी पिंटू नेताम के परिजनों और डेरा बस्ती वालों ने पुलिस की पिटाई से आरोपी की तबियत खराब होने का आरोप लगाते हुए पुलिस चौकी का घेराव किया था. इस दौरान पुलिस के साथ झूमाझटकी भी की गई. डेरा बस्ती के लोगों ने पथराव भी किया था, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे. भिलाई नगर सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी के निर्देश पर भीड़ को शांत करने पुलिस को हल्के बल का प्रयोग करना पड़ा था।

पुलिस के मुताबिक थाना सुपेला अंतर्गत चौकी स्मृतिनगर में अपराध क्रमांक 1104/2024 धारा 115(2),309(4),3(5) बी एन एस (लूट) के प्रकरण में फरीदनगर डेरा निवासी आरोपी पिंटू नेताम को 18 अक्टूबर 2024 को अन्य दो आरोपियों के साथ गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया था। आरोपी पिंटू नेताम 18-10-24 से केंद्रीय जेल दुर्ग में निरुद्ध था। अरोपी पिंटू को पूर्व से मिर्गी के झटके आने की शिकायत भी थी।
पुलिस के मुताबिक, केंद्रीय जेल में निरुद्ध रहने के दौरान गिरफ्तारी के लगभग 28 दिन बाद 15 नवंबर को अचानक पिंटू का ब्लड प्रेशर लो होने के कारण उपचार के लिए जिला अस्पताल दुर्ग में एडमिट किया गया था। स्थिति सामान्य होने के बाद उसे 17 नवंबर को वापस केंद्रीय जेल दुर्ग वापस भेज दिया गया। इसके बाद फिर 18 नवंबर को उसका ब्लड प्रेशर लो होने की शिकायत के बाद जेल प्रशासन ने उपचार के लिए उसे मेकहारा अस्पताल रायपुर में एडमिट कराया था, जहां ब्रेन स्ट्रोक के कारण उसका ब्लड प्रेशर लो होने एवम ब्रेन में ऑक्सीजन सप्लाई कम होने के कारण उसे आईसीयू में भर्ती किया गया था। उपचार के दौरान आज आरोपी पिंटू नेताम की मौत हो गई।
पुलिस पर मारपीट का आरोप बेबुनियाद : सीएसपी
भिलाई नगर सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी ने बताया, पुलिस कार्यवाही या जेल में अभिरक्षा के दौरान उसके साथ किसी भी प्रकार का मारपीट या उत्पीड़न जैसी कोई घटना नहीं हुई है। कतिपय तत्वों द्वारा मृतक पिंटू नेताम के साथ पुलिस द्वारा मारपीट किए जाने का भ्रामक खबर जानबूझकर फैलाया जा रहा है और कानून व्यवस्था की स्थिति ख़राब करने का प्रयास किया जा रहा है, जो पूर्णतया भ्रामक, बेबुनियाद और निराधार है।