छत्तीसगढ़ में दम तोड़ रहा नक्सलवाद! आरकेबी डिविजन के कोतरी एरिया कमेटी डिप्टी कमाण्डर ने किया सरेंडर… 5 लाख रूपए था ईनाम; ऑपरेशन प्रयास से प्रभावित हुआ नक्सली

MMA। छत्तीसगढ़ के जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में नक्सल आंदोलन को एक और बड़ा झटका लगा है। आरकेबी डिविजन के कोतरी एरिया कमेटी में सक्रिय और 5 लाख रुपये का इनामी नक्सली रूपेश मंडावी ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। वह माओवादी संगठन में एलओएस डिप्टी कमांडर के पद पर था। बताया जा रहा है कि वह “ऑपरेशन प्रयास” से प्रभावित होकर और संगठन की विचारधारा से निराश होकर आत्मसमर्पण करने को मजबूर हुआ। साथ ही, संगठन के अंदर बढ़ते आपसी मतभेद भी इसकी बड़ी वजह मानी जा रही है।

पुलिस महानिरीक्षक, दीपक कुमार झा, (भा.पु.से.) राजनांदगांव रेंज राजनांदगांव के मार्गदर्शन व वाय.पी. सिंह, (भा.पु.से.) पुलिस अधीक्षक जिला-मोहला-मानपुर-अं०चौकी के निर्देशन में जिले में चलाए जा रहे माओवादी उन्मुलन अभियान के तहत् डीआरजी टीम एवं केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बल, आईटीबीपी तथा जिला पुलिस बल के द्वारा किए जा रहे संयुक्त प्रयासो से तथा छ०ग० शासन की नई पुनर्वास एवं आत्मसमर्पण निति योजना से प्रभावित होकर आरकेबी डिविजन के कोतरी एरिया कमेटी सदस्य/एलओएस डिप्टी कमाण्डर रूपेश मंडावी दिनांक 15.04.2025 को पुलिस अधीक्षक जिला-मोहला-मानपुर-अं०चौकी के समक्ष आत्मसमर्पण किया।

आत्मसमर्पित माओवादी के नाम/पद :-

  • रूपेश मंडावी उर्फ सुखदेव पिता मनकेर मंडावी उम्र 34 वर्ष ग्राम मुंजाल (कोपाटोला) थाना मंदनवाड़ा जिला एमएमएसी, कोतरी एरिया कमेटी सदस्य/एलओएस डिप्टी कमाण्डर।

कार्यक्षेत्र

जिला मोहला नानपुर अं०चौकी के थाना मदनवाड़ा, सीतागांव, औंधी, मानपुर, एवं जिला कांकेर के थाना गोंडातुर, पखांजुर तथा जिला नरायणपुर के माड़ क्षेत्र विजय रेड्डी (आरकेबी डिवीजन कमेटी सचिव एवं डीके एसजेडसी सदस्य) के साथ सक्रिय था।

संगठन में कार्य का विवरण :-

नक्सली कमांडर कमलेश के सम्पर्क से भाकपा (माओवदी) संगठन में काम करना शुरु किया। सीएनएम के सांस्कृतिक गतिविधियों से प्रभावित होकर नक्सल संगठन में वर्ष 2012 भर्ती हुआ। 2012 से 2019 तक विजय रेड्डी (आरकेबी डिवीजन कमेटी सचिव एवं डीके एसजेडसी सदस्य) का गार्ड था । 2021 मार्च से एसीएम कोतरी एरिया कमेटी के पद पर प्रमोट हुआ । वर्ष 2023 डिप्टी कमांडर का प्रभार मिला। आत्म समर्पण होने तक कोतरी एरिया कमेटी सदस्य/एलओएस डिप्टी कमाण्डर के रूप में काम कर रहा था।

छ०ग० शासन की नई पुनर्वास नीति-2025 की व्यापक प्रचार-प्रसार पुनर्वास योजना के तहत लाभ एवं परिवार के साथ खुशहाल जीवन जीने की सोच लिये समाज के भटके माआवादियों ने संगठन में उनके कार्यो की उपेक्षा करना, भेदभाव पूर्ण व्यवहार एवं माओवादियों के द्वारा आदिवासियों पर किये जा अत्याचार से अस्त होकर छ0ग० शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीतियों से प्रभावित होकर भारत के संविधान पर विश्वास रखते हुए उक्त माओवादी ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया।