भिलाई में पार्षद समेत 10 से ज्यादा समर्थकों पर FIR: जुनवानी पार्षद योगेश साहू साथियों के साथ सड़क के लिए दे रहे थे धरना, पुलिस ने दर्ज किया केस, काउंटर केस करने गए पार्षद को पुलिस ने लौटा दिया

भिलाई। नगर निगम भिलाई के पार्षद समेत उनके समर्थकों पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। नगर निगम भिलाई के इंजीनियर आलोक पसीने की कंप्लेन पर पुलिस ने यह केस बनाया है। जबकि, पार्षद काउंटर केस कराने के लिए थाने गए तो उन्हें लौटा दिया गया। इसका वीडियो भी वायरल हुआ है।

दरअसल, नगर निगम भिलाई के वार्ड-1 खम्हरिया जुनवानी के पार्षद योगेश साहू, लोकेश साहू, निखिल साहू समेत 10 से ज्यादा लोगों के खिलाफ में केस दर्ज किया गया है। पार्षद योगेश समेत अन्य अपनी मांगों को लेकर सड़क पर धरने में बैठ गए थे।

चक्काजाम भी हो गया था। वहीं शिकायतकर्ता इंजीनियर आलोक पसीने ने अपनी कंप्लेन में कहा है कि, उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी। इसीलिए उन्होंने कंप्लेन दर्ज कराया है। पुलिस ने पार्षद योगेश साहू समेत उनके समर्थकों के खिलाफ धारा 186, 294, 323, 332,34, 353,506 के तहत मामला पंजीबद्ध किया है।

सुपेला पुलिस ने बताया कि सड़क-19 मकान नं 3/ए अनिकेत कुंज निवासी निगम सहायक प्रभारी अभियंता आलोक पसीने की शिकायत है कि वार्ड 1 का निरीक्षण करने गया हुआ था। इस दौरान पार्षद योगेश साहू, राहुल साहू, निखिल साहू समेत 7 अन्य पार्षद और अन्य 8 लोगों ने मिलकर सरकारी काम में बाधा पहुंचाया।

अभियंता के साथ गाली गलौज कर जान से मारने की धमकी भी देने की बात पुलिस से कही है। घटना 15 जुलाई रात 9 बजे जुनवानी में खम्हरिया रोड़ में बनाए गए पुलिया को भारी वाहन ने तोड़ दिया था। जिसका निरीक्षण करने अभियंता भी गया हुआ था।

सुपरवाइजर प्रमोद शर्मा भी स्थल निरीक्षण कर लिया गया था। उसके बाद आलोक पसीने गया था। उक्त लोगों द्वारा किए गए व्यवहार को देख निगम के अधिकारी अपनी वाहन को छोड़कर फरार हो गए।

जबकि पार्षद योगेश साहू और राहुल साहू का कहना है कि स्मृति नगर पुलिस चौकी रात को शिकायत करने पहुंचे थे लेकिन पुलिस कर्मियों द्वारा उन्हें महिला के साथ व्यवहार को लेकर महिला थाने जाने को कहा गया। इसके बाद इनकी शिकायत तक दर्ज नहीं कराई गई।

गौरतलब हो कि पुलिया व सड़क निर्माण को लेकर पार्षद व स्थानीय लोगों ने आवागमन को लेकर रात सड़क जाम होने से लोगों जल्द निर्माण व ट्रैफिक व्यवस्था दूरुस्त करने को लेकर देर रात तक चक्कजाम कर दिया था। उसके बाद पुलिस अफसर समेत अन्य लोग समझाने के लिए पहुंचे थे। मगर चक्काजाम करने वालों ने किसी की नहीं सुने और अपनी मांग पर अडिग रहें।