होमवर्क नहीं करने पर 7 साल के बच्चे को पीटा, हो गई मौत: दोस्त बोला- रात को सोया तो उठा ही नहीं… सर बोले- लगता है मर गया, चलो अस्पताल में छोड़ देते हैं… जानिए क्या है पूरा मामला

होमवर्क नहीं करने पर 7 साल के बच्चे को पीटा, हो गई मौत

क्राइम डेस्क। बिहार के सहरसा में एक 7 साल के बच्चे आदित्य को स्कूल संचालक ने इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई। आदित्य बोधि पब्लिक स्कूल में LKG का छात्र था। स्कूल के हॉस्टल में रह रहे आदित्य के दोस्त शिवम ने बताया कि होमवर्क नहीं करने पर सर ने उसे बुधवार को स्टिक से खूब पीटा था।

शिवम ने बताया कि आदित्य शाम को खाना खाने के बाद सोने चला गया था। सुबह जब मैं उसे ब्रश करने के लिए उठाने गया तो उसका शरीर अकड़ गया था। हम उसे गोद में उठाकर सर के पास ले गए। सर ने कहा कि लगता है मर गया। चलो, इसे अस्पताल में छोड़ देते हैं।

बच्चे की मौत के बाद से संचालक सुजीत कुमार फरार है। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया है। मामला जिले के सिमरी बख्तियारपुर थाने के हुसैन चक इलाके का है।

छात्र की मौत की खबर आरोपी शिक्षक को सुबह उस समय मिली, जब आदित्य के बगल में सो रहा चौथी क्लास में पढ़ने वाला शिवम कुमार उसे जगाने गया। आदित्य के शरीर में किसी तरह की हलचल नहीं देखने पर शिक्षक सुजीत कुमार को सारी बातों की जानकारी दी।

इसके बाद स्कूल संचालक ने बच्चे के पिता को फोन कर कहा कि आपका बच्चा बेहोश हो गया है। अस्पताल ले जा रहे हैं, आकर देख लीजिए। पिता के पहुंचने से पहले ही अस्पताल में डॉक्टर ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया था।

अस्पताल में मौजूद डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि मेरे नर्सिंग होम आने से पहले ही बच्चे की मौत हो चुकी थी। मेरे क्लिनिक पर मृत अवस्था में बच्चे को लाया गया था।

मौत कैसे हुई इस पर उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा कि किस कारण से बच्चे की मौत हुई है। वैसे बच्चे के शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं था। हो सकता है हार्ट अटैक से भी मौत हुई हो।

शिवम के अनुसार बच्चे को दिन में शिक्षक ने लकड़ी की स्टिक से जमकर पीटा था। यह पूछने पर कि क्यों पिटाई की गई। शिवम ने कहा कि मास्टर साहब हमेशा कुछ न कुछ होमवर्क याद करने के लिए दे देते थे।

उतना छोटा बच्चा भारी-भारी सवाल को याद नहीं कर पाता था। इस कारण उसकी अक्सर पिटाई होती थी। हम लोग भी डरे सहमे रहते थे। कुछ बोलने पर हम लोगों की भी पिटाई होती है।

आदित्य के साथ हॉस्टल में रह रहे छठी के छात्र सोनू कुमार ने बताया कि सर ने कुछ याद करने के लिए दिया था। आदित्य होमवर्क याद नहीं कर पाया तो सागवान की छड़ी से सर ने उसे बहुत मारा, जिससे उसका शरीर सूज गया था। सोनू के अनुसार लगातार दो दिनों तक उसकी बेरहमी से पिटाई की जाती रही। रात में वह सो गया, लेकिन सुबह मरा हुआ पाया गया।

आदित्य के पिता प्रकाश यादव ने बताया कि वो होली पर घर आया था। 14 मार्च को उसके मामा ने हॉस्टल पहुंचाया था। हॉस्टल जाने के बाद आदित्य से ठीक से बातचीत भी नहीं हुई थी। गुरुवार को अचानक स्कूल के संचालक ने फोन किया कि बच्चा बेहोश हो गया है। मैं इसे लेकर अस्पताल जा रहा हूं। हम लोग जब प्राइवेट क्लिनिक पहुंचे तो मेरा बेटा मरा हुआ था और सुजीत फरार था।

उसके बाद हमने सदर थाना को सूचना दी। तब पुलिस आई और बच्चे को पोस्टमार्टम के लिए ले गई। मामले को लेकर ASI ब्रजेश चौहान ने बताया कि पिता प्रकाश कुमार ने सदर थाना में शिकायत दर्ज कराई है। जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

संचालक सुजीत कुमार ने दैनिक भास्कर को फोन पर बताया कि रोजाना की तरह बच्चा खाना खाकर सो गया था। सुबह उसके नहीं उठने पर शक हुआ। इसके बाद हम उसे गांव के ही झोलाछाप डॉक्टर शंभू के पास ले गए, जहां से बेहतर इलाज के लिए बच्चे को सहरसा रेफर किया गया। सहरसा के आशा नर्सिंग होम में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

आदित्य सिमरी बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के बोधि पब्लिक स्कूल, हुसैन चक के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करता था। वह LKG में पढ़ता था। आदित्य होली पर घर आया था। उसके बाद 10 दिन पहले ही हॉस्टल लौटा था। आदित्य मधेपुरा के म्हेशुआ टोला वरमोतर वार्ड नं 7 का रहने वाला था।

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