मौत के कुएं में समाई 3 जिंदगियां: कार रिवर्स करते समय हुआ बड़ा हादसा… 30 फीट गहरे कुएं में गिरी कार… शिक्षक पिता और दो बेटों की मौत

सागर। शहर के मोतीनगर थाना इलाके में रिवर्स करते समय कार के कुएं में गिरने से शिक्षक और उनके दो बेटों की मौत हो गई। वह कार से बच्चों को घुमाकर घर लौटे थे और पार्क करने के लिए पीछे कर रहे थे उसी समय यह दर्दनाक हादसा हो गया। दो घंटे की मेहनत के बाद क्रेन से कार से निकाला जा सका पर तब तक तीनों की मौत हो चुकी थी। इस हादसे से मोहल्ले में मातम छा गया।

जानकारी के अनुसार हिमांशु तिवारी सीहोरा के पास शासकीय शाला में शिक्षक थे। वे परिवार के साथ सागर शहर के मोतीनगर थाना क्षेत्र स्थित मुंडी टौरी गोविंदनगर कॉलोनी में रहते थे। गुरुवार की रात हो वे दो बेटों बिट्टू (9) असैा ध्रुव (7) वर्ष को कार में बैठाकर शहर घुमाने ले गए थे।

रात करीब 10 बजे वे घर लौटे और पार्क करने के लिए रिवर्स करने लगे। पीछे बिना मुंडेर के कुएं का उन्हें ध्यान नहीं रहा और कार 30 फीट गहरे कुएं में गिर गई। कार गिरने की तेज आवाज सुनकर लोग बाहर निकले तो हादसे का पता चला।

कार निकालने में दो घंटे लगे
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कुआं चौड़ा और गहरा होने के कारण नीचे उतरने की जगह नहीं मिल रही थी। टीआइ मोतीनगर नवल आर्य एसडीआरएफ की टीम के साथ मौके पर पहुंचे और के्रन बुलवाकर कार को बाहर निकलवाया। पर तब तक हिमांशु तिवारी और उनके दोनों पुत्रों की मौत हो चुकी थी। हिमांशु और धु्रव के शव कार में ही मिले। जबकि बिट्टू बाहर निकलकर कुएं में गिर गया था। जिसे गोताखोरों ने खोज निकाला। पर तब तक उसकी भी जान जा चुकी थी।

मोहल्ले में सनाका
इस हादसे से गोविंदनगर मोहल्ले में सनाका खिंचा हुआ है। बताया जा रहा है कि शिक्षक हिमांशु तिवारी का एक बेटा दिव्यांग था। परिवार के आने-जाने की परेशानी को देखते हुए कुछ समय पहले ही कार खरीदी थी। बच्चों को घुमाने के बाजार ले गए थे और उन्हें आइसक्रीम खिलाई थी।

इससे बच्चे खासे खुश थे लेकिन परिवार को क्या पता था कि खुशी को किसी की नजर लग जाएगी। पिता जब कार पार्क करने की कोशिश कर रहे थे एक बच्चा हार्न बजाकर खुशी जाहिर कर रहा था लेकिन चंद पलों में ही पूरी दुनिया ही उजड़ गई।

बिना मुंडेर के कुएं में पहले भी हादसे
रिवर्स करते समय हिमांशु को बिना मुंडेर के खुले कुएं का ध्यान नहीं रहा और कार उसमें जा गिरी। पानी में कार गिरने की आवाज सुनकर परिवार के लोग दौड़कर वहां आए और शोर मचाया तो आसपास के लोग वहां जमा हो गए। इस तरह के हादसे पहले भी हुए हैं और प्रशासन ने बिना मुंडेर के कुएं पूरे जाने और उनमें मुंडेर बनाने का कागजी फरमान जारी कर चुके थे। पर इसका कोई असर नहीं दिखाई दिया।

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