दुर्ग। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने आज धर्मांतरित जनजातियों को जनजाति की मिलने वाली सुविधा समाप्त करने की मांग को लेकर दुर्ग सांसद विजय बघेल को ज्ञापन सौंपा है। ABVP ने बताया की जनजाति समाज की धर्म व संस्कृति खतरे में है एवं समाप्ति की ओर है।
इसे सुरक्षित रखने हेतु हम सभी का दायित्व बनता है की जिससे कि जनजातियों के पुरातन एवं सनातन संस्कृति को संरक्षित एवं संवर्धित करते हुए हम आगे पीढ़ी को भी विरासत के रूप में दे सके।
पढ़िए क्या कुछ लिखा है ज्ञापन में;
यह सर्वविदित है कि धर्मांतरित जनजातियों को आरक्षण सुविधाएं दिए जाने के विरुद्ध तत्कालीन बिहार तथा वर्तमान झारखंड प्रदेश के जनजाति नेता एवं लोकसभा सदस्य स्वर्गीय कार्तिक उरांव द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को सन् 1970 में आवेदन दिया गया था। इस बात को आज 50 वर्ष से अधिक पूरे हो चुके हैं।
जनजाति समाज की अवस्था को देखकर उन्हें जो पीड़ा हुई उसे व्यक्त करने हेतु उनके द्वारा ‘‘20 वर्ष की काली रात‘‘ नामक पुस्तिका भी लिखी गई थी उस आवेदन को ना लोकसभा के पटल पर रखा गया था ना ही उस को खारिज किया गया था बल्कि उसको ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

235 लोकसभा सदस्यों के हस्ताक्षरयुक्त उस आवेदन के संबंध में आज स्वर्गीय कार्तिक उरांव जी के जयंती (29 अक्टूबर) के अवसर पर आपके माध्यम से सरकार को पुनः याद दिलाना आवश्यक हो गया है। आज जनजाति समाज को धर्मांतरित कर संस्कृति को समाप्त करने तथा सरकारी निकायों की नौकरियों में आरक्षण प्राप्त कर जनजातीय समाज के हक और अधिकार को भी मारा जा रहा है ये अतिचिंतनीय विषय है।
हमारी मांग है कि-
(1) धर्मांतरित जनजाति समाज के व्यक्ति को नौकरी पेशा में आरक्षण नहीं दिया जाए।
(2) भारतीय संविधान में अनुसूचित जाति के लिए जो प्रावधान दिया गया है उसी तरह जनजाति समाज में भी पूर्णता से लागू किया जाए।
(3) सन् 1970 में स्वर्गीय कार्तिक उरांव जी द्वारा लोकसभा में लाया गया विधेयक पुनः लाया जाए एवं लोकसभा द्वारा पारित करके जनजाति समाज को संरक्षण प्रदान किया जाए।
आपसेे निवेदन है कि लगभग 5 दशकों से लंबित इस समस्या के समाधान हेतु प्राथमिकता के आधार पर अनुसूचित जनजातियों के साथ हो रहे इस अन्याय को हमेशा के लिए समाप्त कर धर्म आंतरिक लोगों को अनुसूचित जनजाति की सूची से हटाने हेतु शीघ्र ही आवश्यक संशोधन करें ताकि वास्तविक जनजाति समाज को उनका उचित लाभ मिल सके।
जिला संयोजक नागेश्वर यादव ने बताया कि छत्तीसगढ़ में धर्म परिवर्तन अपनी चरम सीमा पर है और धर्म परिवर्तन करने के बावजूद आरक्षण का लाभ ले रहे हैं ऐसे लोगों को आरक्षण से मुक्त किया जाए जिसमें विभाग संयोजक पलाश , राहुल झा, ज्योति शर्मा,नगर मंत्री अभिषेक साहू, नारायण तिवारी, दिव्या, चेतना, एवं समस्त कार्यकर्ता उपस्थित थे।