दुर्ग। दुर्ग के शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय में पुण्य -श्लोक लोकमाता अहिल्या बाई होलकर की 300 वीं शताब्दी मनाई गई। इस कार्यक्रम के आयोजक एवं महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एम ए सिद्दकी द्वारा स्वागत भाषण दिया गया। विषय प्रवर्तक के रूप आमंत्रित डॉ एन पी दीक्षित, पूर्व कुलपति हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, मुख्य वक्ता प्रो. टोपलाल वर्मा एवं संयोजक डॉ राजेश पाण्डेय एवं क्षेत्रीय अपर संचालक उच्च शिक्षा छ. ग. शासन, मंच पर आसीन थे। इस अवसर पर डॉ राजेश पाण्डेय ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए अहिल्या बाई होलकर के योगदान एवं उनके त्यागपूर्ण जीवन से सीख लेने की प्रेरणा दी।

तदुपरांत डॉ एन पी दीक्षित ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए रानी अहिल्या बाई का संक्षिप्त जीवन परिचय प्रस्तुत किया और मल्हार राव होलकर की भी प्रसंशा की और बताया कि कैसे उन्होंने रानी अहिल्याबाई को अपनी पुत्रवधू होते हुए भी पुत्री की तरह उनके साथ स्नेहपूर्ण व्यवहार किया और सुशासन एवं नारी सशक्तिकरण हेतु स्वस्थ वातावरण तैयार किया। कार्यक्रम की अगली कड़ी में मुख्य वक्ता प्रो टोपलाल वर्मा ने रानी अहिल्याबाई की जीवन गाथा का विस्तृत विवरण दिया और बताया की उनके शासनकाल में मालवा का क्षेत्र कितना समृद्ध था, लोग कितने खुश थे , अर्थव्यवस्था कितनी उन्नत थी, समाज में भेदभाव की भावना कम हो रही थी , उनका शासन न्यापूर्ण था और उनकी नीति किसान हितैषी थी।
उनके व्यक्तित्व की प्रसंशा करते हुए प्रो वर्मा ने बताया की उनका जीवन संयमित था, आत्म महिमा – मंडन के वो विरुद्ध थीं। सती प्रथा समाप्ति हेतु उन्होंने अनेक कदम उठाए। अपनी विपरीत परिस्थितियों में उन्होंने राजपाठ का संचालन किया । अहिल्या बाई का सबसे महत्वपूर्ण योगदान धार्मिक और सामाजिक क्षेत्रों में भी देखा जाता है। उन्होंने वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर सहित कई प्रमुख धार्मिक स्थलों का पुनर्निर्माण किया। वे धार्मिक सहिष्णुता और समाज सुधार की समर्थक थीं, और उन्होंने अनेकों मंदिरों, धर्मशालाओं, कुओं और सड़कों का निर्माण करवाया। उनके ये सभी कार्य आज उनके महत्व को रेखांकित करते हैं।
कार्यक्रम के दौरान पर डॉ त्रिपाठी, पूर्व प्राचार्य, , डॉ शिखा अग्रवाल, डॉ कमर तलत ,डॉ अश्विनी महाजन आदि वरिष्ठ प्राध्यापक मंचासीन थे। कार्यक्रम का संचालन राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ शकील हुसैन ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन अर्थशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ शिखा अग्रवाल ने दिया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ ए. के खान, डॉ ए के कश्यप, डॉ अभिनेष सुराना, डॉ सलूजा आदि उपस्थित थे।