रायपुर। ऑल इंडिया सोसाइटी फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी को प्रदेश में सरकार ने ब्लैक लिस्ट कर दिया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने ये कार्रवाई की है। 2001 से 2004 के बीच इंदिरा सूचना शक्ति के तहत स्कूलों में कम्प्यूटर प्रशिक्षण का कार्य करने के लिए इस संस्था को दिया गया था। लेकिन 1.82 करोड़ के भुगतान करने को लेकर विधानसभा की लोक लेखा समिति इस पर आपत्ति जताई थी। जिसके बाद समिति की अनुशंसा के आधार पर फर्म को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया ह। दरअसल, छत्तीसगढ़ में आईसेक्ट कम्प्यूटर प्रशिक्षण देने का काम कई सालों से कर रही है। इस प्रशिक्षण के जरिए लाखों छात्रों ने कोर्स को पूरा किया है।
जानकारी के मुताबिक, जोगी शासन में स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों में कम्प्यूटर प्रशिक्षण के लिए इंदिरा सूचना शक्ति योजना के अंतर्गत AISECT को काम दिया गया था। जिसको लेकर अब लोक लेखा समिति ने ऑडिट किया तो पता चला कि, इस योजना में बहुत सारी कमी है। क्योंकि AISECT के साथ स्कूल शिक्षा विभाग ने जो अनुबंध किया गया था, उसका पालन नहीं किया गया। इसके लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। लोक लेखा समिति ने अपने 36वें प्रतिवेदन में ब्लैक लिस्टेड करने की अनुशंसा की थी, जिसके आधार पर स्कूल शिक्षा विभाग ने ब्लैक लिस्टेड करने का आदेश जारी कर दिया है।
पहले डिग्री को लेकर भी उठे हैं सवाल
आईसेक्ट कम्प्यूटर का प्रशिक्षण देने वाली संस्था है। पिछले कई सालों से छात्रों को कम्प्यूटर आधारित डिग्री और डिप्लोमा का कोर्स यहां कराया जाता है। कई सरकारी स्कूलों और विभिन्न संस्थाओं में वोकेशनल ट्रेनिंग भी आईसेक्ट के द्वारा आयोजित की जाती रही है। प्रदेश में लाखों युवाओं ने इस संस्था से ट्रेनिंग ली है लेकिन नौकरी के समय इस संस्था की डिग्रियों को ही अमान्य कर दिया गया था। जिससे इसकी मान्यता और विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे थे। आईसेक्ट द्वारा कम्प्यूटर प्रशिक्षण केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी दिया जाता है। ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इस संस्था को ब्लैक लिस्टेड किए जाने के बाद प्रदेश में किसी भी तरह के सरकारी प्रशिक्षण या कोर्स इस संस्था के द्वारा आयोजित नहीं किए जा सकेंगे।