दुर्ग। छत्तीसगढ़ में अवैध घुसपैठियों के विरुद्ध एसटीएफ की कार्यवाही लगातार जारी है। फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता परिचय पत्र एवं बैंक पासबुक इत्यादि बनाकर दुरुपयोग किया गया। इंटरनेट कॉल और वाट्सएप के माध्यम से आरोपी महिला बांग्लादेश में अपने परिजनों से बातचीत करती थी। महिला और उसके पति के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 विदेशी नागरिक विषयक अधिनियम 1946 एवं भारतीय पासपोर्ट अधिनियम 1967 एवं पासपोर्ट (भारत मे प्रवेश) अधिनियम 1920 के तहत कार्यवाही की गयी है।

STF प्रभारी सत्य प्रकाश तिवारी के अनुसार उन्हें जानकारी मिली कि सुपेला कांट्रेक्टर कॉलोनी में एक महिला और पुरुष यहां अवैध तरीके से पहचान छिपाकर रह रहे हैं। दोनों बांग्लादेश के निवासी है और भारत जिस वीजा पासपोर्ट से आए थे, वो एक्सपायर हो गया है। पुलिस ने तुरंत दोनों को हिरासत में लिया। जब उनके दस्तावेजों की जांच कर उनसे पूछताछ की गई तो महिला ने अपना नाम ज्योति बताया और उसके पति ने अपना नाम रासेल शेख बताया। जब पुलिस ने बारीकी से जांच की तो पता चला कि महिला का असली नाम शाहिदा खातून (35 साल) है। वो यहां अपना नाम (ज्योति) बदलकर भिलाई में किराए के मकान में रह रही है।

पुलिस ने जांच में पाया कि ज्योति ने रासेल शेख से 2017 में शादी की। इसके बाद दोनों ने पासपोर्ट और वीजा के आधार पर भारत में प्रवेश किया। इस दौरान ज्योति का वीजा 13-09-2018 को और रासेल का वीजा 12 प्रैल 2020 को समाप्त हो गया था। इसके बाद भी दोनों यहां अवैध तरीके से रह रहे थे। पुलिस ने जांच में पाया कि भिलाई में रहते हुए ज्योति ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता परिचय पत्र और पासपोर्ट बना लिया था। इसके बाद वे यहां रहकर इंटरनेट कॉल और वाट्सएप के जरिए बांग्लादेश में अपने परिजनों से संपर्क में थे।

एसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि शाहिदा खातून इससे पहले साल 2009 में भारत आ चुकी थी। उसने भारत बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय बोंगा बार्डर को अवैध तरीके से पारकर नार्थ 24 परगना पश्चिम बंगाल में प्रवेश किया था। इसके बाद वो हावड़ा होते हुए मुंबई पहुंची और वहां मेहनत मजदूरी करने लगी। यहां उसकी पहचान बांग्लादेश निवासी मो. रासेल से हुई। दोनों मुंबई से वापस पश्चिम बंगाल आ गए। यहां शाहिदा ने अपना नाम बदलकर ज्योति रख लिया। इसके बाद वहां उन दोनों ने शादी कर लिया। फिर दोनों कुछ दिन तक वहां रहने के बाद बांग्लादेश चले गए। वहां से फिर साल 2017 में भारतीय का वीजा पासपोर्ट के आधार पर भारत आए और फिर वापस ही नहीं गए। जानकारी के मुताबिक रासेल दिल्ली में लूट के मामले में आरोपी रह चुका है। पुलिस इसकी भी जांच कर रही है।
SIT ने इससे पहले बुधवार को अवैध तरीके से रह रही बांग्लादेशी महिला को गिरफ्तार किया है। पिछले 2 साल से वह पहचान छिपाकर किराए के घर पर रह रही थी। पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराने पर मकान मालिक को भी पकड़ा गया है। जांच में महिला का आधार कार्ड और नाम फर्जी पाया गया।