भिलाई में अनोखा परफॉरमेंस: सेक्टर-6 कालीबाड़ी में मकर संक्रांति के दिन पौष मेला का हुआ समापन… गुरुदेव रबीन्द्रनाथ ठाकुर के बंगाली गीतों को छत्तीसगढ़ी में अनुवाद कर किया गया पेश; सिंगर गौतमी चक्रवर्ती ने दी शानदार परफॉरमेंस

भिलाई। भिलाई के सबसे बड़े काली बाड़ी सेक्टर-6 काली बाड़ी में रविवार को पोष मेला का समापन हुआ। जिसमें संगीत प्रतियोगिता का मेगा फाइनल भी हुआ। इसी बीच कुछ अलग और हटके देखने को मिला। बंगाली गीतों को छत्तीसगढ़ी में अनुवाद कर पेश किया गया।

विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के नोबल पुरस्कार विजेता कवि गुरु गुरुदेव रबीन्द्रनाथ ठाकुर जिन्हें बांग्ला साहित्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नयी जान फूँकने वाले युगदृष्टा भी जाना जाता है। वे एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार सम्मानित व्यक्ति हैं। गुरुदेव रबीन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा लिखे गीतों का पहली बार छतीसगढ़ी में अनुवाद कर उनके गीतों को भिलाई में प्रस्तुत कर जन-जन तक पहुँचाया गया। इस काम का निर्णय बरूण चक्रवर्ती, मुख्य निर्देशक जे. एम. सी. लाइव बैंड, अश्वत्थ की एक इकाई द्वारा किया गया।

जिसके तहत कवि गुरु गुरुदेव रबीन्द्रनाथ ठाकुर के गीतों के अनुवाद की जिम्मेदारी दुर्ग के ख्याति प्राप्त कवि, रंगकर्मी एवं शिल्पकार लक्ष्मी नारायण कुंभकार को प्रदान की गई। कवि गुरु गुरुदेव रबीन्द्रनाथ ठाकुर के मूल गीतों से छतीसगढ़ी में अनुवाद के कुछ गीतों का लोकार्पण बरूण चक्रवर्ती के निर्देशन में छत्तीसगढ़ अञ्चल की ख्याति प्राप्त गायिका गौतमी चक्रवर्ती के कंठ स्वर में रविवार 15 जनवरी 2023 को मकर संक्रांति के अवसर पर भिलाई नगर कालीबाड़ी सेक्टर-6 के मंच पर किया गया।

लोकार्पण में संगीतकार साइ चक्रवर्ती, पार्थ चक्रवर्ती, बी डी आमोश रहे, सम्पूर्ण संयोजन सारथी चक्रवर्ती ने किया। शीघ्र ही यु ट्यूब में भी गीतों को अपलोड कर दिया जायेगा।

जे.एम.सी. लाइव बैंड, अश्वत्थ की एक इकाई ने कहा कि, निरंतर प्रतिबद्धता के साथ कवि गुरु गुरुदेव रबीन्द्रनाथ ठाकुर के गीतों का छतीसगढ़ी में अनुवाद एवं गायन द्वारा प्रस्तुति का क्रम जारी रहेगा एवं भविष्य में रबीन्द्र नृत्यम मूल नृत्य शैली के साथ छतीसगढ़ के प्रसिद्ध लोक नृत्य शैलियों के सामंजस्य से मंच पर प्रस्तुति की भी परिकल्पना की रूप रेखा निश्चित कर ली गई है।

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