रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ के सेक्स सीडी कांड मामले में बड़ी राहत मिली है। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने आज भूपेश बघेल के खिलाफ सभी आरोपों को नकारते हुए उन्हें बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि भूपेश बघेल के खिलाफ कोई ठोस आधार नहीं है, इसलिए उन पर मुकदमा नहीं चल सकता। इस फैसले के बाद भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा – “सत्यमेव जयते”। इस मामले में भूपेश बघेल की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस पार्टी ने 2018 विधानसभा चुनाव के दौरान भूपेश बघेल के समर्थन में कई सभाएं आयोजित की थीं, और इस चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। इसके बाद, भूपेश बघेल** राज्य के मुख्यमंत्री बने थे।

कांग्रेस ने बताया था साजिश
कांग्रेस पार्टी ने इसे साजिश बताया था, और इसके बाद भूपेश बघेल पर आरोप लगा कि उन्होंने इस कांड को रचने में मदद की। 2018 में, भूपेश बघेल, जो उस समय छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे, की गिरफ्तारी हुई थी। इस मामले में भूपेश बघेल पर साजिश रचने का आरोप था। इसके बाद भूपेश बघेल ने कोर्ट में जमानत लेने से मना कर दिया था, और इस दौरान छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किए थे।

क्या था पूरा मामला?
यह मामला अक्टूबर 2017 का है, जब राजेश मूणत, जो उस समय छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री थे, के नाम से जुड़ी एक सेक्स सीडी सामने आई थी। इस मामले में रायपुर के सिविल लाइन थाने में केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने इस मामले में दिल्ली से पत्रकार विनोद वर्मा को गिरफ्तार किया था।

कौन-कौन थे आरोपी?
इस मामले में मुख्य आरोपी कैलाश मुरारका, विनोद वर्मा (पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मीडिया सलाहकार), विजय पांड्या, और विजय भाटिया थे। एक अन्य आरोपी रिंकू खनूजा की मौत हो चुकी है। आज सीबीआई की विशेष अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद भूपेश बघेल के खिलाफ सभी आरोप हटा दिए और उन्हें बरी कर दिया।
