रायपुर, जोधपुर। छत्तीसगढ़ में पिछले साल बीड़ी पीने से 11,011 मौतें दर्ज की गई हैं। आंकड़े बताते हैं कि राज्य में 4.1% लोग यानी 12.3 लाख लोग बीड़ी का उपयोग कर रहे हैं। बीड़ी पीने से कैंसर, टीबी, और विकलांगता के प्रभाव होते हैं। यह खुलासा एम्स जोधपुर द्वारा बीड़ी के प्रभावों के संबंध में किए गए छत्तीसगढ़ अध्ययन की पुस्तक में हुआ है। स्वास्थ्य विभाग और ब्लूमबर्ग परियोजना के तहत राजधानी के एक निजी होटल में राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। इसमें तंबाकू के उपयोग पर चिंता जताई गई। तंबाकू नियंत्रण तंत्र को सक्रिय करने के लिए स्वास्थ्य, आबकारी, श्रम, और परिवहन विभाग के अधिकारी शामिल हुए। तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन ने बताया कि स्वास्थ्य चेतावनी के बावजूद तंबाकू का उपयोग चिंता का विषय है। कार्यशाला में तंबाकू के स्वास्थ्य, पर्यावरण, और आर्थिक प्रभावों की जानकारी दी गई और तंबाकू नशा मुक्ति केंद्र की सेवाओं से अवगत कराया गया। एम्स जोधपुर द्वारा किए गए अध्ययन का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन ब्लूमबर्ग परियोजना के राज्य समन्वयक डॉ. शैलेंद्र मिश्रा और आभार प्रदर्शन प्रकाश श्रीवास्तव द्वारा किया गया।
