रायपुर। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सभी विभागाध्यक्षों एवं कलेक्टर्स को निर्देश जारी कर कहा गया है कि विभिन्न कर्मचारी संगठनों के आव्हान पर जो कर्मचारी विगत 25 जुलाई से 29 जुलाई 2022 तक की अवधि में हड़ताल में थे एवं वर्तमान में हड़ताल में शामिल नहीं हुए हैं, उन्हें 25 जुलाई से 29 जुलाई 2022 तक हड़ताल अवधि को अवकाश स्वीकृत करते हुए वेतन भुगतान किया जाए।
जारी निर्देश में कहा गया है कि जो कर्मचारी 25 जुलाई से 29 जुलाई तक हड़ताल में थे एवं 22 अगस्त 2022 से निरंतर हड़ताल में हैं उनकी अनुपस्थिति के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 10 अप्रैल 2006 को जारी परिपत्र के अनुसार कार्यवाही की जाए।
उक्त परिपत्र में जारी निर्देश के अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। बिना पूर्व स्वीकृति के सामूहिक अवकाश पर जाने की दशा में अथवा हड़ताल का वेतन इत्यादि देय नहीं होगा न ही इस प्रकार की अनुपस्थिति के दिवसों का अवकाश स्वीकृत किया जाएगा। ऐसे दिवसों की अवधि का कोई वेतन इत्यादि देय नहीं होगा और इस अवधि को ब्रेक-इन-सर्विस माना जाएगा।
उपरोक्त के अतिरिक्त जब कभी शासकीय सेवकों द्वारा उक्त प्रकार के कृत्य किए जाए तो ऐसे घोर अनुशासनहीनता करने वालों के विरूद्ध गुणदोषों के आधार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के आदेश सक्षम अधिकारी दे सकेंगे।
सीएस के साथ बैठक के बाद भी नहीं बनी सहमति, लेकिन सख्ती शुरू
मुख्य सचिव के साथ बातचीत के बीच हड़ताली कर्मचारियों पर सख्ती भी शुरू हो गई है। सरकार ने हड़ताल में शामिल नहीं हुए कर्मचारियों को पिछली हड़ताल के दिनों का वेतन जारी करने का निर्देश दिया है। वहीं हड़ताल में शामिल कर्मचारियों पर साल 2006 में जारी एक शासकीय परिपत्र-G.O. के मुताबिक कार्रवाई करने को कहा गया है।
सामान्य प्रशासन विभाग की उप सचिव मेरी खेस्स ने सोमवार को सभी विभागाध्यक्षों, राजस्व मंडल, संभाग आयुक्तों और कलेक्टरों को एक परिपत्र जारी किया। इसमें दो बातें कहीं गईं। पहला – विभिन्न कर्मचारी संगठनाें के आह्वान पर कई कर्मचारी 22 अगस्त से हड़ताल पर हैं। जो कर्मचारी पिछली 25 जुलाई से 29 जुलाई तक की अवधि में हड़ताल पर थे और जिन्होंने वर्तमान हड़ताल में हिस्सा नहीं लिया है, उनके पूर्व हड़ताल अवधि को अवकास स्वीकृत करते हुए वेतन भुगतान किया जाए
। दूसरा- जो कर्मचारी 25 से 29 जुलाई तक भी हड़ताल पर थे और अब भी हड़ताल पर बैठे हैं, उनके अनुपस्थिति के संबंध में संदर्भित परिपत्र के निर्देशों के तहत कार्रवाई की जाए। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस निर्देश के साथ जिस परिपत्र का संदर्भ दिया है वह 10 अप्रैल 2006 को सामान्य प्रशासन विभाग की कर्मचारी कल्याण शाखा से जारी हुआ था। इसपर तत्कालीन मुख्य सचिव आरपी बगाई के हस्ताक्षर हैं।
छत्तीसगढ़ के राज्य कर्मचारियों की यह हड़ताल भत्ता बढ़ाने की मांग के लिए है। कर्मचारी संगठन कई महीनों से केंद्र सरकार की तरह 34% महंगाई भत्ता देने की मांग कर रहे थे। उनकी मांग थी, इस दर तक पहुंचने के लिए उनका भत्ता 12% बढ़ाया जाना चाहिए।
वहीं सातवें वेतनमान की सिफारिशों के मुताबिक मूल वेतन का 18% गृह भाड़ा भत्ता की मांग भी साथ-साथ उठी है। जुलाई में पांच दिनों की हड़ताल के बाद सरकार ने महंगाई भत्ते में 6% इजाफे का आदेश जारी कर दिया। वहीं गृह भाड़ा भत्ता के लिए आश्वासन हाथ आया। उसके बाद 22 अगस्त से कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए।