CG – स्कूल में ब्लास्ट: स्टूडेंट ने बुआ का मोबाइल यूज कर स्नैपडील एप से मंगाया सोडियम… बाथरूम में किया धमाका… छात्रा गंभीर रूप से झुलसी, 3 छात्राएं सहित 5 को स्कूल से निकाला गया

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बिलासपुर। शहर के मंगला रोड स्थित सेंट विसेंट पलोटी स्कूल में शुक्रवार सुबह एक भीषण धमाका हुआ, जिसमें एक 10 वर्षीय छात्रा गंभीर रूप से झुलस गई। यह घटना स्कूल की छात्राओं के बाथरूम में हुई, जिसके बाद पूरे इलाके में दहशत फैल गई। घटना के बाद निजी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं।

प्राथमिक जानकारी के मुताबिक, स्कूल में परीक्षाएं चल रही थीं। करीब सवा 10 बजे कक्षा 4 की छात्रा स्तुति (नाम बदला हुआ) बाथरूम गई। वहां उसने पाइपलाइन का फ्लश दबाया, तभी अचानक जोरदार धमाका हुआ। धमाके की आवाज सुनकर स्कूल के छात्रों और स्टाफ में भगदड़ मच गई। जब शिक्षकों की टीम ने बाथरूम का निरीक्षण किया, तो स्तुति को फर्श पर गंभीर हालत में पाया गया। उसके पैर, पीठ और बाल जल चुके थे। उसे तुरंत नजदीकी एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है।

वहीं इस मामले में स्कूल प्रबंधन ने पांच छात्र-छात्राओं को स्कूल से निकाल दिया है। सभी स्टूडेंट आठवीं के हैं। इसमें 2 छात्र और तीन छात्राएं शामिल हैं। इनके अभिभावकों से भी इस बारे में सहमति ले ली गई है। दूसरी ओर पुलिस और शिक्षा विभाग की जांच में बात सामने आई है कि आठवीं के इन छात्रों ने 15 दिन पहले ही स्नैपडील एप से ऑनलाइन सोडियम मंगाया गया था। इसमें आठवीं के एक छात्र ने अपने बुआ के मोबाइल से इसका आर्डर किया था। पुलिस बुआ से भी पूछताछ कर सकती है।

जांच में यह बात भी सामने आई है कि, इन पांचों स्टूडेंट ने मिलकर कुछ दिन पहले भी इसी सोडियम से एक ब्लास्ट किया था। इसे लेकर हंगामा मचा था लेकिन स्कूल प्रबंधन ने दबा दिया था। दूसरी ओर स्कूल में हुई इस घटना से अभिभावकों में काफी गुस्सा है। शनिवार की सुबह अभिभावकों ने स्कूल में जमकर हंगामा मचाया। इसके साथ ही मानवाधिकार और बाल अधिकार संरक्षण की टीम भी स्कूल पहुंची और प्रबंधन से बात की।

सेंट विंसेंट पलोटी स्कूल के प्राचार्य सुमित बाखला के मुताबिक, पांचों स्टूडेंट को स्कूल से निकाल दिया गया है। यह फैसला स्कूल प्रबंधन कमेटी ने लिया है। स्टूडेंट पर कानूनी कार्रवाई के बारे में फैसला पुलिस करेगी। स्कूल के फादर एस कुमार ने बताया कि फैसला पुलिस करेगी। स्कूल के फादर एस कुमार ने बताया कि प्राथमिक पूछताछ में पता चला है कि स्कूल की कुछ छात्राएं पिछले तीन दिनों से सोडियम मेटल लेकर स्कूल आ रही थीं। वे इसे स्कूल के बाथरूम में रखकर शरारत करने की प्लानिंग कर रही थीं। इसके लिए तीन दिनों से तैयारियां की जा रही थीं। हालांकि इस सवाल का वे काई जवाब नहीं दे सके कि स्कूल प्रबंधन को छात्राओं की इस शरारत की भनक तक क्यों नहीं लग सकी। फादर सिर्फ उचित कार्रवाई की बात करते रहे।

जांच में बात सामने आई है कि आठवीं के इन पांचों छात्रों ने मिलकर 15 दिन पहले ही स्नैपडील एप से आनलाइन सोडियम मंगाया गया था। इसमें आठवीं के एक छात्र ने अपने बुआ के मोबाइल से इसका आर्डर किया था। इसकी जानकारी बुआ को थी या नहीं इस बारे में पुलिस अपनी जांच कर रही है। सबसे बड़ी बात कि इस खतरनाक सोडियम को आनलाइन मंगाकर यह स्टूडेंट उसे स्कूल में लेकर घूमते रहे और स्कूल प्रबंधन को जानकारी तक नहीं लगी। एक सप्ताह पहले भी स्कूल परिसर में इसी सोडियम से एक ब्लास्ट हुआ था। किसी को चोंट नहीं लगी तो प्रबंधन ने मामले को दबा दिया। हालांकि उस समय भी इन्ही पांचों स्टूडेंट का नाम सामने आया था।

प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी पी दासरथी ने बताया कि, मामले में जांच के लिए बनी टीम स्कूल पहुंची थी। स्कूल प्रबंधन के साथ ही शिक्षकों से बयान लिया गया है। जिन स्टूडेंट पर आरोप है उनसे और उनके अभिभावकों से भी लिखित में बयान लिया गया है। सोमवार को एक बार फिर स्कूल पहुंचकर जांच करते हुए रिपोर्ट सौंपी जाएगी।

(कंटेंट सोर्स – हरिभूमि.कॉम)