किराए के मकान में देवर-भाभी चला रहे थे सेक्स रैकेट: पुलिस की रेड में एक महिला और तीन युवक आपत्तिजनक हालत में मिले… 2 महिलाओं समेत 6 गिरफ्तार

Brother-in-law and sister-in-law were running a sex racket in a rented house

काशीपुर। उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले में पुलिस ने एक सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया है.काशीपुर कोतवाली क्षेत्र में किराए के कमरे में अवैध रूप से देह व्यापार करने की सूचना पर एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की प्रभारी एसएचओ बंसती आर्या के नेतृत्व में एसओजी और स्थानीय पुलिस की टीमने छापेमारी की. मौके से दो महिलाओं समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया. उनके पास से काफी आपत्तिजनक सामान भी बरामद किया गया है. पुलिस ने सभी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है.

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, काशीपुर कोतवाली के टांडा उज्जैन क्षेत्र में चांदनी उर्फ डिंपल किराए का कमरा लेकर सेक्स रैकेट चला रही थी. उसके घर में अनजान लोगों का आना-जाना लगा रहता था. कॉलोनी के लोगों को जब इसका पता चला, तो उन्होंने चांदनी को समझाया लेकिन उसपर इसका कोई फर्क नहीं पड़ा. कॉलोनी में अनैतिक कार्य से वहां के निवासी परेशान हो गए थे.

जिसके बाद शिकायत मिलने पर टीम ने घर पर छापा मारा. उस समय चांदनी और मुकेश यादव नाम का शख्स कमरे से बाहर थे. कमरे की तलाशी लेने पर पुलिस को वहां मौजूद एक महिला और तीन युवक आपत्तिजनक हालत में मिले. कमरे से आपत्तिजनक सामान भी बरामद किया गया. सभी को गिरफ्तार कर कोतवाली लाया गया.

पुलिस पूछताछ में दूसरी महिला ने बताया कि वह चांदनी को पहले से जानती है. मुकेश यादव रिश्ते में उसका देवर लगता है. चांदनी और मुकेश ग्राहक लेकर आते थे. वह ग्राहकों से 1500 से 3000 रुपये तक लेते थे. तीनों उस पैसे को आपस मे बांट लेते थे.

एसएचओ बसंती आर्या ने बताया कि चांदनी कुंडा की रहने वाली है. दूसरी महिला दीपमाला मुरादाबाद की रहने वाली है. वहीं पकड़े गए दो आरोपी पौड़ी गढ़वाल और दो आरोपी मुरादाबाद के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि अनैतिक देह व्यापार का संचालन करने वाली चांदनी उर्फ डिंपल किराए पर कमरा लेकर अकेली रहती थी. यहां पर वह देह व्यापार करती और करवाती थी.

संयुक्त कार्रवाई में काफी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री, दो मोटरसाइकिल, एक टेंपो, 6 मोबाइल और 15,700 रुपये की नकदी बरामद हुई है. उन्होंने कहा कि सभी आरोपियों के खिलाफ अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम 1956 के तहत मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है.

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