GPF में नेगेटिव बैलेंस के निराकरण के लिए 7 से 11 नवम्बर तक शिविर: अंबिकापुर और बिलासपुर में होगा आयोजन…पासबुक का होगा ऑनलाइन मेंटेनेंस; हेल्प डेस्क शुरू

कोष, लेखा एवं पेंशन संचालनालय ने आहरण-संवितरण अधिकारियों को जारी किए निर्देश

रायपुर: ऐसे कर्मचारियों जिनकी जी.पी.एफ. पर्ची में ऋणात्मक शेष दर्शाया गया है। उनके निराकरण के लिए पायलेट प्रोजेक्ट के तहत 7 नवम्बर से 11 नवम्बर तक अंबिकापुर एवं बिलासपुर में शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इन शिविरों में जी.पी.एफ. पर्ची में दर्शित ऋणात्मक शेष का उनके आहरण अधिकारी द्वारा संधारित किये जा रहे जी.पी.एफ. पासबुक से मिलान कर संशोधित जी.पी.एफ. पर्ची जारी किए जाएंगे। महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), छत्तीसगढ़ द्वारा पायलेट प्रोजेक्ट के अंतर्गत 7 नवम्बर से 11 नवम्बर तक जिला कोषालय अंबिकापुर एवं जिला कोषालय बिलासपुर में शिविर का आयोजन किया जा रहा है।

इन शिविरों में महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), छत्तीसगढ़ के अधिकारी उपस्थित रहेंगे। ऐसे अधिकारी-कर्मचारी जिनकी जी.पी.एफ. पर्ची में ऋणात्मक शेष तथा अधिक भुगतान या फिर गुमशुदा कटौती जारी हुआ है, वे शिविर में उपस्थित होकर अपने सामान्य भविष्य निधि पर्ची में सुधार करा सकते हैं। निकट भविष्य में अन्य जिलो में भी इस तरह के शिविर आयोजित किए जाएंगे।

संचालक, कोष, लेखा एवं पेंशन ने सभी आहरण-संवितरण अधिकारियों को इस संबंध में निर्देशित किया है कि वे तत्काल 1 नवम्बर 2004 के पहले से नियुक्त अधिकारियों-कर्मचारियों की जी.पी.एफ. पासबुक के अपडेशन का कार्य विशेष शिविर में उपस्थित होकर कराएं।

जी.पी.एफ. से संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए हेल्प डेस्क शुरू
जी.पी.एफ. से संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) कार्यालय में हेल्प डेस्क स्थापित किया गया है। राज्य के दूरस्थ अंचलों के अधिकारी-कर्मचारी जी.पी.एफ. से संबंधित समस्याओं से जूझते रहते हैं। विभिन्न कर्मचारी संगठनों के माध्यम से यह शिकायत समय-समय पर मुख्यमंत्री एवं सचिव स्तर पर मिलती रहती है। इससे निजात दिलाने के लिए महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) कार्यालय में हेल्प डेस्क स्थापित किया गया है। अधिकारी-कर्मचारी मोबाईल नंबर 9425527697 एवं दूरभाष नंबर 0771-2281499 पर फोन कर हेल्प डेस्क से मदद ले सकते हैं।

जी.पी.एफ. पासबुक का होगा ऑनलाइन संधारण
राज्य शासन के कोष, लेखा एवं पेंशन संचालनालय द्वारा प्रदेश के 29 कोषालयों के अंतर्गत 4296 आहरण-संवितरण अधिकारियों को दो माह में सभी अधिकारियों-कर्मचारियों के जी.पी.एफ. पासबुक को अपडेट कर संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों से जी.पी.एफ./जी.आई.एस./एफ.बी.एफ. की एन्ट्री तथा पार्ट फाइनल या अग्रिम आदि की निकासी की प्रविष्टियों को प्रमाणित (Verification) कराए जाने के निर्देश दिए हैं। संचालक, कोष, लेखा एवं पेंशन श्री नीलकंठ टीकाम ने विभाग के सभी संभागीय संयुक्त संचालकों को इस संबंध में अपने-अपने संभाग के आहरण-संवितरण अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए हैं।

कोष, लेखा एवं पेंशन विभाग द्वारा ऑनलाइन जी.पी.एफ. संधारण के लिए एन.आई.सी. के माध्यम से सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है। इससे राज्य में 1 नवंबर 2004 के पहले नियुक्त और वर्तमान में कार्यरत 59 हजार 228 अधिकारियों-कर्मचारियों के पेंशन निर्धारण, जी.पी.एफ. अग्रिम, पार्ट फाइनल आदि के निराकरण में फायदा होगा।

गौरतलब है कि वित्त विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी. ने हाल ही में छत्तीसगढ़ के महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) तथा संचालनालय, कोष, लेखा एवं पेशन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जी.पी.एफ. ऋणात्मक शेष तथा पेंशन प्रकरण के निराकरण में देरी के संबंध में विस्तार से चर्चा की थी। विभाग द्वारा इसकी समीक्षा के बाद अधिकारियों-कर्मचारियों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा प्रदान करने के लिए “आभार पोर्टल” में उपलब्ध सुविधा का विस्तार करते हुए जी.पी.एफ. पासबुक के ऑनलाइन संधारण का निर्णय लिया गया है।

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