रायपुर। सीबीआई ने महादेव सट्टा मामले में भ्रष्टाचार, ठगी और जुआ एक्ट के तहत पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत 21 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इन आरोपियों में महादेव सट्टा सिंडिकेट से जुड़े सदस्य, कारोबारी, पुलिस अधिकारी और राजनेता शामिल हैं। सीबीआई ने यह एफआईआर 18 दिसंबर 2024 को रजिस्टर्ड की थी, लेकिन अब यह मामला मीडिया और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश का भी बयान सामने आया है।


सीबीआई की एफआईआर में भूपेश बघेल का नाम 6वें नंबर पर है। इस एफआईआर में कुल 21 नाम हैं, जिसमें पहले नाम रवि उप्पल का और आखिरी नाम अज्ञात व्यक्तियों का है। सीबीआई ने यह एफआईआर ईडी और ईओडब्ल्यू की चार्जशीट के आधार पर तैयार की है। इन केसों की जांच के दौरान सीबीआई को कई गड़बड़ियां मिलीं, जिससे यह घोटाला उजागर हुआ।


सीबीआई द्वारा छत्तीसगढ़ पुलिस की सिफारिश पर महादेव सट्टा से जुड़े 12 मामलों की जांच की जा रही है। इन मामलों की जांच में ईडी और ईओडब्ल्यू पहले ही आरोपियों की संपत्ति अटैच कर चुकी है। सीबीआई इन केसों को आधार बनाकर जांच कर रही है, और यह छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों जैसे रायपुर, जांजगीर-चांपा, और सूरजपुर से जुड़ा हुआ है।

सीबीआई ने हाल ही में छत्तीसगढ़, दिल्ली, मध्यप्रदेश और पश्चिम बंगाल में 60 ठिकानों पर छापेमारी की थी। छत्तीसगढ़ में जिनके घरों पर सीबीआई ने दबिश दी, उनमें पूर्व सीएम भूपेश बघेल, विधायक देवेंद्र यादव, पुलिस अधिकारी और कारोबारी शामिल थे। इस दौरान सीबीआई को हवाला के जरिए 300 करोड़ रुपये से अधिक के लेन-देन का लिंक मिला है। इन पैसों को कैश में ट्रांजेक्शन किया गया और कई संस्थाओं के जरिए दूसरे कामों में निवेश किया गया।

सीबीआई ने अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए नामजद आरोपियों के अलावा उन लोगों को भी नोटिस भेजा है जो पैनल चला चुके हैं या जेल जा चुके हैं। सीबीआई अब इन सभी से रायपुर स्थित अपने कार्यालय में पूछताछ कर रही है। महादेव सट्टा मामले में सीबीआई की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है, और कई बड़े नाम इसमें शामिल हो रहे हैं। यह जांच न केवल नक्सलियों के वित्तीय नेटवर्क को उजागर कर सकती है, बल्कि भ्रष्टाचार और हवाला जैसे गंभीर मुद्दों पर भी सवाल खड़े कर सकती है।

भूपेश बघेल ने कहा कि, “यदि शुभम सोनी के आरोप पर मुझ पर FIR हो सकती है तो मैं भी आरोप लगा रहा हूँ कि मोदी-शाह-विष्णुदेव साय के संरक्षण में “महादेव एप” चल रहा है। क्या CBI इस पर जाँच और कार्रवाई करेगी? सारी रचना इस प्रकार रची जा रही है कि भूपेश बघेल को गिरफ़्तार किया जा सके। भूपेश बघेल न पहले डरा था, न अब डरेगा। मैंने पहले भी गिरफ़्तारी दी थी। हम भागने वालों में से नहीं हैं। सत्य के मार्ग पर चल रहे थे और आगे भी चलते रहेंगे। सात साल पुराने केस में, जिसमें मैंने गिरफ़्तारी तक दी थी। जब उस केस में कोर्ट ने मुझे CBI के आरोपों से डिस्चार्ज कर दिया तो अब नया खेल शुरू किया गया है। पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनना और पंजाब का प्रभारी बनना, इन लोगों को खटक रहा है। लेकिन हम डरने और झुकने वालों में से नहीं हैं।” अंत में उन्होंने “सत्यमेव जयते” लिख कर अपनी बात खत्म की।
