भिलाई। राज्य सरकार एंग्लो इंडियन एमएलए मनोनीत करने की तैयारी में जुट गई है। छग विस के बजट सत्र में इस समुदाय से विधायक का मनोनयन किया जाएगा। राज्यपाल ने इसकी कवायद शुरू कर दी है। सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। मनोनित विधायक का कार्यकाल अगले 21 महीने का ही रहेगा। इन्हें विधानसभा में वोटिंग के अलावा सारे अधिकार प्राप्त होंगे। मनोनीत सदस्य की नियुक्ति के बाद सत्तारूढ़ दल कांग्रेस की विधानसभा में ताकत और बढ़ जाएगी।
विधानसभा में कांग्रेस के 70 विधायक हैं। मनोनीत विधायक के मनोनयन के बाद कांग्रेस की सदस्य संख्या बढक़र 71 हो जाएगी। पार्टी के अत्यंत भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक विधानसभा के 5 मार्च से शुरू होने वाले बजट सत्र में एंग्लो इंडियन सदस्य मनोनीत की जाएगी। सरकार इसकी तैयारी जोर-शोर से शुरू कर दी है।
गौरतलब हो कि इस बार मनोनीत सदस्य के मनोनयन में देरी हुई है। इस वजह से कार्यकाल मात्र 21 महीने का ही रहेगा। इस पांचवीं विधानसभा के साथ-साथ मनोनीत विधायक का भी कार्यकाल खत्म हो जाएगा। पहली कांग्रेस और बाद की भाजपा सरकारों ने इसका पालन करते हुए तीन विधायक मनोनित किए। सबसे पहले इंग्रीड मैक्लाउड (लोस के लिए मनोनित हुईं) और रोजलीन बैकमेन एक-एक कार्यकाल के लिए और फिर बर्नार्ड रोड्रिग्ज लगातार दो कार्यकाल के लिए मनोनीत हुए।
मनोनीत विधायक को भी एक निर्वाचित विधायक की तरह सदन के भीतर और बाहर सभी अधिकार और सुविधाएं मिलती हैं। ये केवल राज्यसभा के सदस्य और राष्ट्रपति के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते। छग में इस समुदाय की आबादी करीब एक हजार है। इनमें से अधिकांंश बिलासपुर और जशपुर से हैं।
सूत्र बता रहे हैं कि कई दावेदारों के आवेदन राजभवन को मिलने लगे हैं। कईयों ने अपना बायोडाटा सीएम को भी दिया है। इनमें से एक-दो ने सीएम से मुलाकात भी की है। राजनीतिक रणनीति के तहत सीएम जल्द विधायक मनोनीत करने का फैसला लिया है। राज्य सरकार के हरकत में आने के बाद राजभवन ने नियम कानून का अध्ययन शुरू कर दिया है।
कहा जा रहा है कि सीएम भूपेश बघेल सत्र शुरू होने से पहले हाईकमान से चर्चा कर नाम तय करेंगे। अब देखना है कि मुहर किसके नाम पर लगेगी। इसका फैसला मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को करना है।
ये हैं एंग्लो इंडियन :-
एंग्लो इंडियन वे हैं, जिनके माता-पिता में से कोई एक भारतीय और यूरोपीय मूल का हो। 15 अगस्त, 1947 को भारत से अंग्रेज चले गए, लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी थे, जो या तो यूरोपीय समुदाय से थे या फिर यूरोपीय और भारतीय मूल के माता-पिताओं की संतान थे। भारत में रह गए। अंग्रेजी मूल के लोगों को ही एंग्लो इंडियन कहा जाता है।
इनकी मातृभाषा और रीति-रिवाज भी अंग्रेजी है। भारत में अभी एंग्लो-इंडियन समुदाय के 4 लाख से अधिक लोग हैं। इस समुदाय के लोगों का राज्यों के विधानसभा में प्रतिनिधित्व का अवसर मिलता है। छत्तीसगढ़ में एंग्लो इंडियन समुदाय से एक विधायक मनोनित करने का प्रावधान है।
ऐसी होगी प्रक्रिया :- एमएलए का मनोनयन राज्य सरकार की सिफारिश पर राज्यपाल करते हैं। विधानसभा में दो तिहाई बहुमत के साथ कांग्रेस के 70 विधायक हैं। एंग्लो इंडियन एमएलए के मनोनयन के बाद 71 सदस्य हो जाएंगे।