नई विधायक का छत्तीसगढ़िया लुक: ठेठ देसी लुक में विधानसभा पहुंची खैरागढ़ की नई MLA यशोदा वर्मा, छत्तीसगढ़ी भाषा में ली शपथ; सीएम बोले…

रायपुर। खैरागढ़ की नवनिर्वाचित विधायक यशोदा वर्मा ने आज शपथ ले लिया। पारंपरिक छत्तीसगढ़ी वेषभूषा में पहुंची यशोदा वर्मा ने छत्तीसगढ़ी भाषा में शपथ लिया। विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने विधानसभा के नये समिति कक्ष में नव निर्वाचित विधायक को शपथ दिलायी।

शपथ ग्रहण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यशोदा वर्मा को गुलदस्ता भेंट कर उन्हें शुभकामनाएं दीं। संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव, सांसद ज्योत्सना महंत सहित अनेक मंत्रीगण, संसदीय सचिवगण, विधायकगण एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

खैरागढ़ विधानसभा चुनाव का परिणाम 16 अप्रैल को ही आ गया था। 12 दिन बाद विधानसभा में नव निर्वाचित विधायक यशोदा वर्मा का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हुआ। सुबह विधानसभा पहुंची यशोदा वर्मा का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मंत्रियों-विधायकों ने पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। विधानसभा के समिति कक्ष में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने नव निर्वाचित विधायक को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।यशोदा वर्मा ने छत्तीसगढ़ी में पद की शपथ ली। कार्यक्रम का संचालन विधानसभा के सचिव दिनेश शर्मा ने किया।

खैरागढ़ से विधायक रहे देवव्रत सिंह का नवम्बर 2021 में निधन हो गया था। उसकी वजह से रिक्त हुई सीट पर उप चुनाव हुए। 12 अप्रैल को मतदान में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। 16 अप्रैल को परिणाम आए उसमें कांग्रेस की यशोदा वर्मा ने भाजपा प्रत्याशी कोमल जंघेल को 20 हजार से अधिक मतों के अंतर से हरा दिया।

मुख्यमंत्री बोले, 2023 में 71 ही लक्ष्य होगा
शपथ ग्रहण समारोह के बाद प्रेस से बात करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, छत्तीसगढ़ में कभी किसी दल के 71 विधायक नहीं रहे। दल-बदल के बाद भी नहीं हुआ। 71 सीट जीत पाना अपने आप में बड़ी चुनौती है। 2023 में भी इसी लक्ष्य के साथ चलेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा, खैरागढ़ का उप चुनाव अपने आप में महत्वपूर्ण था। यशोदा वर्मा यहां 20 हजाद से भी अधिक वोटों के अंतर से जीतकर आई हैं।

छत्तीसगढ़ विधानसभा में 90 सीटें हैं। 2018 के आम चुनाव में कांग्रेस ने 68 सीटों पर कब्जा किया था। भाजपा 15 और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ को 5 सीटें मिलीं। वहीं बहुजन समाज पार्टी को 2 सीटें हासिल हुईं। पिछले तीन सालों में भाजपा के एक और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के दो विधायकों का निधन हो चुका है। उप चुनावों में कांग्रेस ने जीत हासिल की। अब कांग्रेस के 71 विधायक, भाजपा के 14, छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के 3 और बसपा के दो विधायक हो गए हैं।

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