दुर्ग में छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक नगर स्तर का आयोजन: विधायक, महापौर और आयुक्त ने पिट्ठुल, गिल्ली डंडा जैसे खेल खेले… 62 वर्ष की महिला ने गेड़ी चढ़कर लगाई दौड़

  • निगम स्तरीय खेल प्रतियोगिता में खिलाड़ियों ने लिया बढ़-चढ़कर हिस्सा
  • छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में बिखरी प्रदेश की माटी के पारंपरिक खेलों की छटा, बच्चे बुजुर्ग, युवा सभी ने लिया हिस्सा, हुआ समापन:

दुर्ग। दुर्ग में नगर पालिक निगम दुर्ग द्वारा दो दिवसीय छत्तीसगढ़िया ऑलंपिक गया। शहर विधायक अरुण वोरा, महापौर धीरज बाकलीवाल ने छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक का नगर स्तरीय का शुभारंभ पदमनाभपुर के मिनी स्टेडियम में खिलाड़ियों के बीच किया गया था। विधायक अरुण वोरा और महापौर धीरज बाकलीवाल, आयुक्त लोकेश चन्द्राकर एवं खेल कूद प्रभारी मनदीप सिंह भाटिया,प्रभारी संजय कोहले ने पिट्टूल,गिल्ली डंडा खेलकर खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया। पदमनाभपुर के मिनी स्टेडियम,बैगा पारा स्टेडियम,महात्मा गांधी स्कूल में छत्तीसगढिया ओलंपिक खेल निगम स्तरीय आयोजन किया गया। आयोजन में हिस्सा लेने शहर क्षेत्र के खिलाड़ी मौजूद थे। दूसरे दिन महापौर धीरज बाकलीवाल की अध्यक्षता में ओलंपिक खेलो का आगाज हुआ। मैदान में मौजूद अधिकारियों द्वारा सिटी बजाकर तेज दौड, लंगड़ी दौड़, कबडडी, गेडी, रस्सीखीच,बिल्लस,भंवरा,बांटी और खो-खो खेलो को शुरु किया। खिलाडियों का जोश तब और भी बढ गया जब महिलाओ ने गेड़ी चलाई। आयुक्त लोकेश चन्द्राकर के निर्देश पर दो दिवस पूर्व से ही छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेलो के आयोजन के लिए सारी तैयारिया शुरू दी गई थी।

दो दिवसीय ऑलंपिक खेल समापन किया गया। खेल के दौरान जहां सभी वार्डो से आये प्रतिभागी ने अपने खेलो का प्रदर्शन किया। वहीं निगम के नोडल सहायक अधिकारी जितेंद्र समैया,करण यादव,विकास दमाहे,भारती ठाकुर,स्वेता महलवार, मोहित मरकाम,पंकज साहू व अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।छत्तीसगढ़ की माटी में खुशबू में समाहित लोक कला एवं संस्कृति को आगे लाने के साथ राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़िया खेलों को भी आगे बढ़ाने का काम किया है। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन पहली बार इसी मंशा से किया गया, जिसे भारी जनसमर्थन देखने को मिला। इस ओलंपिक की खास बात यह रही कि महिलाओं ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इनमें ऐसी महिलाएं भी शामिल है, जो शादी के बाद ससुराल चली गई थी, उन्हें भी अपनी जड़ों से जुड़ने का मौका इस ओलंपिक ने दिया है।

छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में बच्चे और युवाओं के साथ खेल मैदान से नाता तोड़ चुके बुजुर्गों ने भी पूरे जोशो-खरोश के साथ भाग लिया और अपनी खेल प्रतिभा और खेल कौशल का प्रदर्शन कर लोगों को दांतों तले अंगुलियां दबाने को मजबूर कर दिया। ओलंपिक में बच्चे से लेकर 62 साल के बुजुर्ग भी शामिल हो रहे हैं। दौड़ में भीम और प्रवीण, शौयब खान,आरती शुक्ला,गिल्ली डंडा रोहन गुप्ता,देव कुमार,डोनेश्वर निषाद और नवीन निषाद,बिल्लस में कल्पना स्वामी ,सांखली लिकेश्वरी निषाद,करुणा और लक्ष्मी, बांटी में प्रधान श्रीवास्तव,यश चन्द्राकर,दक्ष चन्द्राकर और कृष्णा चन्द्राकर,गेड़ी शैल किरण शुक्ला,शैलेन्द्र ठाकुर,हर्ष चन्द्राकर,समर्थ नायडू,शौयब खान सहित अन्य खिलाड़ी मौजूद रहें।इस ओलंपिक में बच्चे से लेकर 62 साल के बुजुर्ग भी शामिल हो रहे हैं। ये खिलाड़ी नगर निगम स्तर से अपनी प्रतिभा को साबित करते हुए निगम स्तर पर विजेता बनकर उभरे और अब नगरी क्लस्टर स्तर नगर निगम भिलाई में होगा और राज्य स्तरीय स्पर्धाओं में अपनी प्रतिभा का जौहर दिखायेंगे।

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