चिंतामणि महाराज की भाजपा में वापसी: कांग्रेस में टिकट कटने के बाद लिया फैसला… ओम माथुर ने कराया प्रवेश

अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए दोनों चरण के नामांकन का दौर समाप्त हो चूका है। कांग्रेस ने अपनी सूची में कई विधायकों की टिकट काटी है। टिकट कटने से बागी हुए सामरी कांग्रेस विधायक चिंतामणि महाराज मंगलवार को बीजेपी में शामिल हो गए। प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने उन्हें भाजपा में प्रवेश कराया। चिंतामणि महाराज अपने समर्थकों के साथ अंबिकापुर के राजमोहनी भवन में फिर से भाजपा की सदस्यता ली। दरअसल कांग्रेस ने सामरी से विधायक चिंतामणी महाराज की जगह विजय पैकरा को प्रत्याशी बनाया है। तब से चिंतामणी महाराज के तेवर बगावती थे। वे लगातार भाजपा के संपर्क में थे।

पहले चिंतामणि महाराज ने भाजपा में शामिल होने के लिए अंबिकापुर से प्रत्याशी बनाए जाने की शर्त रखी थी। रविवार को बृजमोहन अग्रवाल हेलीकॉप्टर से कुसमी और श्रीकोट पहुंचे थे। तब चिंतामणि महाराज भी भाजपा के हेलीकॉप्टर से रायपुर से कुसमी आए थे। यहां भाजपा के नेताओं ने उनका स्वागत किया था। दो दिन पहले तक चिंतामणि महाराज ने यह स्पष्ट नहीं किया था कि वे भाजपा में जा रहे हैं। भाजपा ने चिंतामणि को अंबिकापुर से भाजपा प्रत्याशी बनाने की शर्त को दरकिनार कर दिया

अंबिकापुर से राजेश अग्रवाल को डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के खिलाफ प्रत्याशी घोषित कर दिया। चिंतामणि के भाजपा प्रवेश की अटकलें इसके बाद भी थी। चिंतामणि ने खुद खुलासा किया था कि भाजपा उन्हें सरगुजा से सांसद का टिकट देने तैयार है। चिंतामणि महाराज करीब 11 साल पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। 2013 में उन्हें कांग्रेस ने लुंड्रा से टिकट दिया था और वे विधायक बने। फिर 2018 में चिंतामणि महाराज को कांग्रेस ने सामरी से प्रत्याशी बनाया और वे दूसरी बार विधायक चुने गए। रमन सरकार के पहले कार्यकाल में चिंतामणि महाराज 2004 से 2008 तक राज्य संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष रहे। भाजपा से उपेक्षित होने पर उन्होंने 2008 में सामरी विधानसभा से ही निर्दलीय चुनाव लड़ा, जिसमें हार गए थे।

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