रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बयान आया है। सीएम भूपेश ने यह बयान टीएस सिंहदेव के पंचायत विभाग छोड़ने के बाद दिया है। सीएम भूपेश ने कहा है कि, टीएस सिंहदेव का दिया कोई भी पत्र नहीं मिला है। मीडिया के माध्यम से इस्तीफे की जानकारी मिली हैं। आपस में चर्चा करेंगे कि क्या मुद्दा हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जैन समाज के चातुर्मास कार्यक्रम में शामिल होने इंडोर स्टेडियम में पहुंचे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से चर्चा में पंचायत मंत्री सिंहदेव के इस्तीफा पर कहा कि (इस्तीफा) पत्र मिलने पर परीक्षण करुंगा। कल उन्हें फ़ोन लगाया था, लेकिन बात नहीं हो पाई। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के मंत्रिमंडल में तालमेल नहीं होने के आरोप पर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि सब तालमेल है. आपस में चर्चा करेंगे।
ट्रेन सेवा बहाल किए जाने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ये बेहद दुर्भाग्य की बात हैं, गरीबों मध्यम वर्गीय लोगों के लिए जो सबसे सस्ता साधन रेल सेवा है, उसे बंद कर रखे हैं, इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया। वहीं कांग्रेस विधायक दल की आज होने वाली बैठक को लेकर कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के अलावा विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर चर्चा होगी।
कल टीएस सिंहदेव ने दिया था इस्तीफा…
छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ नेता और मंत्री टीएस सिंहदेव ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री पद की जिम्मेदारी छाेड़ी है। उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को भेज दिया है। सिंहदेव स्वास्थ्य और वाणिज्यिक कर विभाग में मंत्री की जिम्मेदारी पर बने रहेंगे।
टीएस सिंहदेव ने इस्तीफा अपने विधानसभा क्षेत्र अंबिकापुर से भेजा है। टीएस सिंहदेव कांग्रेस सरकार के आधार स्तंभों में से हैं। 17 दिसम्बर 2018 को उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ ही मंत्री पद की शपथ ली थी। उस दिन मुख्यमंत्री ने केवल दो मंत्रियों टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू के साथ कैबिनेट का गठन कर सरकार की औपचारिक शुरुआत की थी।
किसानों की कर्जमाफी और 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने का ऐतिहासिक फैसला भी इन्हीं तीन लोगों ने मिलकर किया था। बाद में टीएस सिंहदेव के पोर्टफोलियो में स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, वाणिज्यिक कर (GST) और 20 सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग को शामिल किया गया।
2021 में विधानसभा के मानसून सत्र से ठीक पहले कांग्रेस सरकार में बवंडर उठा था। रामानुजगंज से विधायक बृहस्पत सिंह ने प्रेस वार्ता कर आरोप लगाया कि सिंहदेव उनको मारना चाहते हैं। उनके साथ 18 विधायक और भी थे। अगले दिन सत्र शुरू हुआ और विधानसभा में बवाल हो गया।
आहत सिंहदेव ने सरकार की ओर से सफाई आने तक सदन में आने से इन्कार कर दिया। बाद में बृहस्पत सिंह ने अपने बयानों के लिए सदन में माफी मांगी। गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने सरकार की ओर से बयान दिया कि सिंहदेव पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। उसके बाद सिंहदेव विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने वापस लौटे।