डेस्क। भारत निर्वाचन आयोग ने मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना, और मिजोरम से आदर्श आचार संहिता को समाप्त करने का आदेश पारित किया है. 9 अक्टूबर से इन चुनावी राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हुई थी. निर्वाचन आयोग के इस आदेश के बाद अब इन राज्यों में सामान्य तरीके से राज्य की प्रशासन अपना कार्य करेगी.
जारी आदेश के अनुसार
चुनाव आयोग ने एक पत्र जारी कर इसकी सूचना दी है. जारी आदेश में कहा गया है कि आदर्श आचार संहिता के प्रावधान चुनाव आयोग द्वारा चुनाव संबंधित कार्यक्रम की तारीखों की घोषणा के बाद से चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक ये लागू रहते हैं. इन राज्यों में राज्य विधानसभा आम चुनाव, 2023 और नागालैंड के 43-तापी (एसटी) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए उप-चुनावों के परिणाम संबंधित रिटर्निंग द्वारा घोषित किए गए हैं. अब, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना की आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव से हटा दी गई है.

आदर्श आचार संहिता का मतलब
आदर्श आचार संहिता राजनैतिक दलों के मार्गदर्शन के लिए निर्धारित किए गए कई मानक है जिसे राजनैतिक दलों की सहमति से तैयार और उन्होंने उक्त संहिता में सन्निहित सिद्धांतों का पालन करने और साथ ही उनकों मानने और उसका अनुपालन करने के लिए सभी सहमति दी है. इसके अलावा यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि निर्वाचन अपराध, कदाचार और भ्रष्ट आचरण, रिश्वतखोरी और मतदाताओं को प्रलोभन, मतदाताओं को धमकाना और भयभीत करना जैसी गतिविधियों को हर प्रकार से रोका जा सके.

भारत निर्वाचन आयोग
भारत निर्वाचन आयोग, भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 के अधीन संसद और राज्य विधान मंडलों के लिए स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण निर्वाचनों के आयोजन हेतु अपने सांविधिक कर्तव्यों के निर्वहन में केन्द्र तथा राज्यों में सत्तारूढ़ दल (दलों) और निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा इसका अनुपालन सुनिश्चित करता हैं.
पाबंदियां हटने का मतलब
चुनाव आयोग की तरफ से केंद्रीय कैबिनेट सेकेट्री, सभी राज्यों के मुख्य सचिव, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को जारी किये निर्देश में सामान्य तरह से कानून का अनुपालन किया जाएगा. चुनावी आदर्श आचार सहिंता समाप्त होने से कई पाबंदिया हटेंगी. इन पांबदियों में चुनाव आयोग के अधीन सारे सरकारी तंत्र आ जाते है वो हट जाते हैं. ट्रांसफर, पोस्टिंग आदि सब अब राज्य के अधीन वापस आ जाएंगे.