VIDEO : कांग्रेस की चिंतन शिविर: चिंतन शिविर में राहुल गांधी बोले- कांग्रेस पार्टी के DNA में सबको बोलने का अधिकार… हमारी लड़ाई नफरत-हिंसा के खिलाफ है

नई दिल्ली। राजस्थान के उदयपुर में चल रहे कांग्रेस के चिंतन शिविर का आज (15 मई) आखिरी दिन रहा. राहुल गांधी ने पार्टी के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के डीएनए में सबको बोलने का अधिकार है, जबकि बीजेपी में ऐसा नहीं है.

राहुल ने उत्तराखंड के नेता यशपाल आर्य के हवाले से बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यशपाल आर्य ने मुझे बताया कि एक दलित के रूप में उनके लिए पार्टी में कोई जगह नहीं थी और उन्हें बीजेपी में अपमानित किया गया था.

राहुल गांधी ने कहा कि हम पर हर दिन हमला किया जाता है क्योंकि हम अपनी पार्टी में बातचीत की अनुमति देते हैं. हमें अपने को भी देखने की जरूरत है. पार्टी के आंतरिक मसले पर भी ध्यान देने की जरूरत है.

जनता से कनेक्शन को फिर से बनाना पड़ेगा
राहुल गांधी ने कहा कि हमें बिना सोचे जनता के बीच जाकर बैठ जाना चाहिए जो उनकी समस्या है उसे समझना चाहिए, हमारा जनता के साथ जो कनेक्शन था, उस कनेक्शन को फिर से बनाना पड़ेगा. जनता जानती है कि कांग्रेस पार्टी ही देश को आगे ले जा सकती है.

कांग्रेस पार्टी ने निर्णय लिया है कि अक्टूबर महीने में पूरी कांग्रेस पार्टी जनता के बीच जाएगी और यात्रा करेगी. जनता के साथ जो रिश्ता कांग्रेस का था उसे फिर से पूरा करेगी. ये शॉर्टकट से नहीं होने वाला है और ये काम पसीना बहाकर ही किया जा सकता है.

आगे उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने हिंदुस्तान के युवाओं के भविष्य को नष्ट कर दिया है. नोटबंदी, जीएसटी लाकर मोदी सरकार ने देश को बड़ी चोट दी है. एक तरफ बेरोजगारी दूसरी तरफ महंगाई, यूक्रेन में युद्ध हुआ है आने वाले समय में मुद्रा स्फ़ीति पर इसका असर पड़ेगा. इससे निपटना जरूरी है.

राहुल गांधी ने कहा कि देश में जो नफरत और हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा है, हमारी लड़ाई उसके खिलाफ है. कांग्रेस एक परिवार है. मैं आपके परिवार का हूं. मेरी लड़ाई आरएसएस और बीजेपी की विचाराधारा है. ये देश के सामने खतरा है. ये नफरत और हिंसा फैलाते हैं. मैं इसके खिलाफ लड़ता हूं और लड़ना चाहता हूं. मेरे लिए ये मेरी जिंदगी की लड़ाई है. मैं ये मानने को तैयार नहीं हूं कि मेरे प्यारे देश में इतनी नफरत और हिंसा फैल सकती है. मेरे खिलाफ बीजेपी, आरएसएस, सारे सरकारी संस्थान हैं. हम इन सबसे लड़ रहे हैं.


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