निगम की सरकारी जमीन पर कब्जा किया फिर डॉक्टरों को दे दिया रेंट पर…बकायदा इकरारनामा कराया, निगम को पहुंचाया करोड़ों का नुकसान, अब कमिश्नर से कंप्लेन, रिकवरी की हो गई मांग

भिलाई। नगर निगम को खुद के पास कितनी जमीन है इसका अंदाजा खुद निगम के अफसरों को नहीं है। तभी तो कोई भी निगम की जमीन पर कब्जा करके मनमाने किराया वसूली कर रहा है तो कोई निर्माण तक कर दिया। ताजा मामला स्पर्श हॉस्पिटल के सामने बने अवैध पार्किंग स्थल का है। यह जमीन साई प्लास्टिक के बगल में है। जहां निगम की तकरीबन 12 हजार वर्गफीट से ज्यादा जमीन कब्जे में है। कब्जेदार ने बकायादा निगम की जमीन पर अतिक्रमण कर किराये पर दे दिया।

जमीन को दो डॉक्टरों को किराया पर 2014 से दे दिया। जिससे करोड़ों रुपए अर्जित किए। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब निगम के पूर्व सभापति राजेंद्र सिंह अरोरा ने निगम कमिश्नर और मेयर से लिखित कंप्लेन किए। मामले का खुलासा करते हुए पूर्व सभापति अरोरा ने बताया कि, हरी सिंह पिता स्व. किशनलाल झाबड़ा और धर्मेन्द्र अरोरा पिता-ए.सी. अरोरा, निवासी-खुर्सीपार भिलाई के नाम पर लगभग 4500 वर्गफीट जगह पंजीयन है।

उन्होने पंजीकृत भूखंड़ से लगी निगम का लगभग 12500 वर्गफीट खाली जगह को भी बाउन्ड्रीवाल से घेरकर कार पार्किंग के लिए 19 फरवरी 2014 को 11 माह के लिए इकरारनामा के आधार पर डॉ. संजय गोयल तथा डॉ. दीपक वर्मा को 50,000 रु. में किराये में दे दिया था। जिसमें यह शर्त थी कि हर 11 माह बाद 10% राशि आपसी सहमति से बढ़ाकर पुनः नया 11 माह के लिए किरायानामा / इकरारनामा बढ़ा दिया जाएगा। यह इकरारनामा हर 11 माह बाद लगातार बढ़ाते हुए 2022-23 वर्ष तक कर दिया गया है। शिकायतकर्ता अरोरा ने बताया है कि, यह जमीन श्री राम मार्केट सिरसा रोड स्पर्श हॉस्पिटल के सामने में स्थित है। जिस पर कार पार्किंग हो रही है। जिसे किराये पर देकर लगभग 1.5 करोड़ रुपए को अवैध रुप से वसूल चुके हैं।

अरोरा ने कंप्लेन में बताया है कि, इसी तरह दोनों भूखंड़ स्वामियों ने अपने 4500 वर्गफीट पंजीकृत प्लॉट जो रिक्त है। कमर्शियल उपयोग हो रहा है। उसे निर्माण किया हुआ बताकर मात्र तीन टुकड़ों में अलग-अलग कर कम सम्पत्तिकर पटाया जा रहा है। इस तरह भूखंड़ स्वामियों द्वारा 482, 590, 710 वर्गफीट कुल मात्र 1782 वर्गफीट का कमर्शियल समपत्तिकर पटाया जबकि उनका पंजीकृत प्लॉट 4500 वर्गफीट का था इससे निगम को आज तक लाखो की राजस्व की हानि हुई।

महोदय हरी सिंह पिता स्व. किशनलाल झाबड़ा तथा धर्मेन्द्र अरोरा पिता – ए.सी. अरोरा द्वारा 4500 वर्गफीट पंजीकृत प्लॉट को बना हुआ बताकर तीन टुकड़ो में कुल मात्र 1782 वर्गफीट का सम्पत्तिकर पटाया जा रहा है। उससे लगी हुई निगम की खाली भूमि 12500 वर्गफीट को मिलाकर 17000 वर्गफीट किरायें में देकर 1.5 करोड़ रुपये के लगभग अवैध रुप से वसूली किया है। इनके विरुद्ध कार्यवाही करते हुए निगम की 12500 वर्गफीट जगह खाली कराई जाये तथा सम्पत्तिकर एवं अवैध से की गई वसूली को निगम के खाते में जमा कराकर निगम को करोड़ों की राजस्व की हानी से बचाया जा सकें।

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