ब्लैक लिस्टेड सफाई ठेकेदार पर मेहरबानी का आरोप…BJP पार्षद पीयूष ने लगाए शहर सरकार पर गंभीर आरोप, सामान्य सभा में उठाया मुद्दा, गरमाया सदन

भिलाई। सामान्य सभा के सदन में पार्षद पीयूष मिश्रा ने साफ-सफाई मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने एक साल से साफ-सफाई का काम कर रही मेसर्स पी. व्ही. रमन को तीन महीने का एक्टेंशन देने पर आपत्ति दर्ज कराई। पार्षद पीयूष का कहना है कि इस सफाई कंपनी को धमतरी नगर निगम ने ब्लैक लिस्ट किया है। पीडब्ल्यूडी मैनुअल के अनुसार पूरे प्रदेश में ब्लैक लिस्टेड कंपनी को काम नहीं दिया जा सकता है। इसके साथ ही उसकी बकाया राशि भी रोकनी चाहिए। अगर ऐसी ब्लैक लिस्टेड कंपनी को काम दिया गया, तो यह अनियमितता होगी और इसके जिम्मेदार सत्ता पक्ष के साथ अधिकारी भी होंगे।

पार्षद पीयूष ने सदन में बहस के दौरान ही नगर आयुक्त को मेसर्स पी.व्ही. रमन के धमतरी नगर निगम से ब्लैक लिस्ट की कॊपी सौंपी। इसमें पी. व्ही रमन को ब्लैक लिस्ट करने की तारीख 4 अगस्त 2022 दर्ज है। पार्षद का कहना है कि सत्ता पक्ष बहुमत के आधार पर नियम विरुद्ध कार्य कर रहा है। मेरा दायित्व है कि सत्ता पक्ष को सदन के माध्यम से गलतियों की जानकारी और सुधार का मौका दें, लेकिन सत्ता पक्ष अपनी मनमानी में अमादा है। इस प्रकरण पर अब नगर आयुक्त को निर्णय लेना होगा। उनकी भी जिम्मेदारी है कि नियमों के अनुसार ही कोई भी प्रक्रिया पूरी की जाए। पार्षद पीयूष मिश्रा ने नगर आयुक्त से मांग की है कि इस प्रकरण को गंभीरता से जांच लें और साफ-सफाई जैसी अति आवश्यक सेवा को बिना अवरोध जारी रखने के लिए कलेक्टर दर पर कार्य कराया जाए।

जिस संघ के अध्यक्ष हैं मेयर, उसे पर ही स्वयं लगाई मुहर
सामान्य सभा के दौरान प्रस्ताव-9 में वार्ड-14 जवाहर नगर स्थित स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में टेबल टेनिस हॊल को दुर्ग जिला टेबल टेनिस संघ को आवंटित किए जाने का मामला सदन में रखा गया। इस पर पार्षद पीयूष मिश्रा ने मेयर नीरज पाल की चुटकी ली। उन्होंने कहा यह तो नेशनल हेराल्ड जैसा मामला सामने लाया गया है। मेयर नीरज पाल ही टेबल टेनिस संघ के अध्यक्ष हैं। उनके कहने पर ही नगर निगम में संघ के सचिव के माध्यम से आवेदन दिया गया। मेयर इन काउंसिल के समक्ष इसको प्रस्ताव के रूप में पेश किया गया और मेयर ने अपनी काउंसिल से प्रस्ताव को पारित भी कर दिया। ये मामला अब सामान्य सभा में पेश किया गया, जो बहुमत के आधार पर सत्ता पक्ष ने पास कर दिया है। इस प्रस्ताव में यह कहीं उल्लेख नहीं है कि टेनिस खिलाड़ियों को निशुल्क ट्रेनिंग दी जाएगी। यदि खिलाड़ियों से शुल्क लिया जाएगा, तो यह नगर निगम अधिनियम के विरुद्ध होगा। नगर निगम अपनी किसी भी संपत्ति को किसी व्यक्ति या संस्था को धन अर्जन के लिए बिना शुल्क निर्धारण के नहीं दे सकता है।
(पार्षद पीयूष मिश्रा द्वारा जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक खबर)

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