ढाका, बांग्लादेश। भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में भारी हिंसा के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जानकारी की अनुसार इससे पहले सेना प्रमुख वकार-उज-जमान हसीना को 45 मिनट के अंदर इस्तीफा देने के लिए अल्टीमेटम दिया था। खबर के अनुसार पीएम शेख हसीना अपनी बाहन के साथ देश छोड़कर किसी सुरक्षित ठिकाने पर चली गई हैं। चर्चा है कि वह भारत जा रही हैं। वहीं प्रदर्शनकारी शेख हसीना के घर में घुस गए हैं और तोड़फोड़ कर रहे हैं। देश के कई इलाकों में जीत का जश्न मनाया जा रहा है।

भारत के बॉर्डर में अलर्ट जारी
आपको बता दें कि, इस हिंसा में 300 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। बांग्लादेश आर्मी चीफ ने हसीना से कहा था कि उनको सम्मानजनक तरीके से इस्तीफा देकर सत्ता से हट जाना चाहिए। इस बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के बेटे ने सुरक्षा बलों से किसी भी अनिर्वाचित सरकार को सत्ता में आने से रोकने का आग्रह किया है। सेना प्रमुख ने देश को संबोधित किया है। उन्होंने कहा कि, हम सभी पार्टियों से चर्चा कर राष्ट्रपति के पास जाएंगे और अंतरिम सरकार बनाएंगे। उन्होंने देश में लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि, देश को हिंसा से काफी नुकसान हो रहा है। इसी बीच भारत में भो बॉर्डर पर अलर्ट जारी कर दिया गया है।

300 लोगों की मौत
NBT के अनुसार, पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर रविवार से शुरू हुई हिंसा में कुछ घंटों के भीतर ही 300 लोगों की मौत हुई और अरबों की संपत्ति को आग के हवाले कर दिया गया। सभी बड़े शहरों में लाखों की तादाद में लोग शेख हसीना के इस्तीफे की मांग करते हुए सड़कों पर हैं। राजधानी ढाका पर प्रदर्शनकारियों ने पूरी तरह कब्जा कर रखा है और लाखों लोग प्रमुख चौकियों पर जमे हुए हैं। बांग्लादेश में बीते कुछ दिनों में प्रदर्शनों के दौरान हिंसा में 300 लोगों की मौतें हो चुकी हैं। इससे देश की अवामी लीग की सरकार और पीएम शेख हसीना सवालों के घेरे में आ गई।

कैसे शुरू हुआ था मामला?
बांग्लादेश में बीते महीने विवादास्पद कोटा प्रणाली पर ढाका विश्वविद्यालय में छात्र कार्यकर्ताओं की पुलिस और सरकार समर्थक प्रदर्शनकारियों के साथ हिंसक झड़प हुई थी। इन विरोध प्रदर्शनों में भीड़ बढ़ने लगी और हिंसा शुरू हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने कोटा घटाने का फैसला दिया तो चीजें ठीक होती दिखीं लेकिन रविवार को हसीना के इस्तीफे की मांग करते हुए लाखों की तादाद में लोग सड़कों पर उतर आए और चीजें शेख हसीना के हाथ से बाहर हो गईं।


