भिलाई। क्रेडा सदस्य विजय साहू दशहरा के अवसर पर भिलाई के बैंकुठधाम व रावणभाठा सुपेला में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुई। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन हमारे आपसी रिश्तों को भी प्रगाढ़ करते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय त्योहारों की सबसे अच्छी बात यह है कि उनमें से अधिकांश अपने साथ एक नैतिक शिक्षा लेकर आते हैं। ऐसा ही एक प्रसिद्ध त्योहार दशहरा है। दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। यह पावन पर्व सभी को संदेश देता है कि चाहे कुछ भी हो, सत्य की हमेशा विजय होती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दशहरा का त्योहार दशमी तिथि या अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष के 10वें दिन मनाया जाता है। असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक विजय दशमी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इसी परंपरा को हम आगे बढ़ाने के उद्देश्य से हम सभी यहां इकट्ठा हुए हैं। यह बातें उन्होंने बैंकुठधाम रावण दहन उत्सव के दौरान कहीं।

बैकुंठधाम केम्प क्षेत्र विजयादशमी पर्व पर क्षेत्रवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विजयादशमी भगवान राम की विजय के रूप में मनाया जाए अथवा दुर्गा पूजा के रूप में, दोनों ही रूपों में बुरी शक्तियों का अंत और भगवान के पवित्र एवं अदम्य शक्ति की पूजा का पर्व है। इसलिए हम बुराई के प्रतीक, रावण का पुतला बनाकर उसे जलाते हैं। ताकि समाज बुराई के प्रति संवेदनशील हो और असत्य और बुराई को नाश करने की क्षमता प्रकट हो। रावण दहन कार्यक्रम में धर्मराज शर्मा, दुर्गेश ताम्रकार, ललित पाल, बंटू शर्मा, शंभू साव, सुनील कुमार उपस्थित थे।

वहीं रावण भाठा सुपेला में भगवान श्रीराम व सीता की पूजा अर्चना कर रावण दहन कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर विजय साहू ने अपने संबोधन में कहा कि दशहरा या विजयदशमी पूरे देश में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। यह माना जाता है कि दशहरा या विजयदशमी का दिन सभी के लिए अविश्वसनीय रूप से शुभ होता है, जिससे यह किसी भी नए कार्य के लिए एकदम सही हो जाता है जिसे आप शुरू करना चाहते हैं। मान्यता है कि इस दिन कोई भी शुभ कार्य किया जाए तो उसका फल मिलता है।

