दुर्ग में कोरोना से हुई मौत: छत्तीसगढ़ में तेजी से बढ़ रहे है कोरोना के मरीज… सबसे ज्यादा एक्टिव केस दुर्ग में… 550 के पार पहुंचा आंकड़ा

भिलाई। दुर्ग जिले में रिसाली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले पुरेना में आज एक बुजुर्ग की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई है। इस बीच कोरोना संक्रमण के नए मामलों में बनी हुई तेजी ने स्थानीय लोगों को खौफजदा कर डाला है। इस वक्त प्रदेश में सबसे अधिक दुर्ग जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या 568 है। कोरोना के एक्टिव मरीजों के मामले में दुर्ग ने राजधानी रायपुर को भी पीछे छोड़ दिया है।

लंबे अंतराल के बाद आज दुर्ग जिले में एक कोरोना संक्रमित मरीज की मौत से स्वास्थ्य अमले में हड़कंप सी मच गई है। मृतक की उम्र 60 वर्ष है और वह भिलाई-3 के नजदीक रिसाली नगर निगम के पुरेना का निवासी था। तबियत खराब होने पर उसे पदुम नगर स्थित अमित मेमोरियल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।

इस दौरान कोविड संक्रमण की पुष्टि हुई और आज उसने दम तोड़ दिया। हॉस्पिटल प्रबंधन ने इसकी सूचना जिला स्वास्थ्य विभाग को दी। जिसके बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने हॉस्पिटल प्रबंधन को कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए अंतिम संस्कार हेतु शव को 1099 मुक्तांजली वाहन के हवाले करने का निर्देश दिया है।

गौरतलब रहे कि पिछले कुछ दिनों से दुर्ग जिले में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी बनी हुई है। 20 जुलाई को ही दुर्ग जिले में कोरोना के 93 नए मरीजों की पहचान हुई है। इसके साथ ही जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या 568 हो गई है। जबकि एक्टिव मरीजों में मामले में हमेशा टॉप पर रहने वाले रायपुर जिले का आंकड़ा दुर्ग से दो कम 566 है।

इस तरह पूरे छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिला कोरोना के एक्टिव मरीजों के मामले में सबसे ऊपर बना हुआ है। इस स्थिति में आज हुए कोरोना संक्रमित मरीज की मौत ने भिलाई – दुर्ग के लोगों में खौफ पैदा करने का काम किया है।

गाइडलाइन के पालन की अनदेखी
महीने भर पहले से दुर्ग जिला कोरोना संक्रमण के मामले में संवेदनशील बना हुआ है। बावजूद इसके संक्रमण से बचाव के लिए जारी गाइडलाइन का पालन करने के प्रति लोगों में गंभीरता नदारद है। यहां तक की निगम और पालिका के द्वारा भी शारीरिक दूरी का पालन और मास्क पहनने को लेकर किसी तरह का जागरुकता अभियान नहीं चलाया जा रहा है।

बाजारों में भीड़ उमड़ रही है और ज्यादातर चेहरे बगैर मास्क के आसानी से नजर आ रहे हैं।‌ 18 से 59 आयु वर्ग वालों को मुफ्त वैक्सीनेशन की सुविधा के बावजूद केन्द्रों में सीमित संख्या में लोग वैक्सीन का बूस्टर डोज लेने पहुंच रहे हैं। कोविड लक्षण वाले मरीजों में जांच कराने को लेकर किसी प्रकार की गंभीरता देखी नहीं जा रही है।

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