CG में दो सहेलियों की मौत: खेलने के लिए घर से निकलीं थी दोनों छात्राएं… पर वापस लौटी ही नहीं… तालाब में मिली दोनों की लाशें

बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में बड़ा हादसा हो गया है। इस हादसे में दो स्कूली बच्ची की मौत हो गयी। घटना बलौदाबाजार के पलारी थाना क्षेत्र के कोसमंदी गांव की है। हादसा उस वक्त हुआ, जब दो बच्चियां तालाब में नहाने गयी थी, इसी दौरान वो गहरे पानी में चली गयी और फिर दोनों की डूबकर मौत हो गयी।

मिली जानकारी के मुताबिक, ग्राम कोसमंदी में रहने वाली 7 साल की कुमारी नम्रता और 7 साल की कुमारी पायल दोनों सहेलियां घर से खेलने का कहकर निकली थीं। काफी देर हो जाने के बाद भी दोनों वापस नहीं लौटीं, तो परिजनों ने उन्हें ढूंढना शुरू किया। जब वे कहीं नहीं मिलीं, तो बच्चियों के परिजनों ने सरपंच प्रतिनिधि सुरेंद्र वर्मा को इसकी जानकारी दी। उनके साथ परिजन और गांववाले पलारी थाने पहुंचे और बच्चियों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी पुरुषोत्तम कुर्रे ​​​​​​और डीएसपी अभिषेक सिंह ने अपनी टीम के साथ पूरे गांव में बच्चियों को ढूंढना शुरू किया। इस बीच गांववालों और पुलिस टीम की नजर मंदिर के पीछे तालाब के घाट पर पड़ी, जहां बच्चियों के कपड़े रखे हुए थे। किसी अनहोनी की आशंका से गांववाले तालाब में कूदे, तो उन्हें दोनों बच्चियों का शव मिल गया। वे गहरे पानी में डूबी हुई मिलीं। रात में दोनों बच्चियों के शव निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाए गए।

बुधवार को दोनों बच्चियों के शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया गया है। थाना प्रभारी पुरुषोत्तम कुर्रे ने कहा कि जहां बच्चियां डूबी हैं, वो मंदिर के पीछे का घाट है, जहां पर सामान्य रूप से किसी की नजर नहीं जाती। शाम का वक्त था, इसलिए वैसे भी तालाब के पास कोई नहीं था।

थाना प्रभारी ने कहा कि सुनसान जगह होने के कारण जब बच्चियां तालाब में नहाने के लिए उतरी होंगी और गहरे पानी में डूबने लगी होंगी, तो किसी ने उनके चिल्लाने की आवाज नहीं सुनी होगी। उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में लग रहा है कि दोनों बच्चियां नहाते हुए गहरे पानी में चली गई होंगी और डूबने से उनकी मौत हो गई होगी।

जांच अधिकारी ने बताया कि मृत बच्ची नम्रता के माता-पिता गांव में ही रहते हैं, जबकि पायल के माता-पिता मजदूरी करने के लिए अन्य राज्य गए हुए हैं। उन्हें भी सूचना दे दी गई है। यहां पायल अपने दादा-दादी के साथ रहती थी और स्थानीय स्कूल में पढ़ती थी।

Exit mobile version