NJCS मीटिंग से कर्मियों में निराशा: BWU प्रेसिडेंट उज्जवल दत्ता बोले-कर्मियों की उम्मीदों पर फिर गया पानी…

भिलाई। आज दिल्ली में एनजेसीएस यूनियनों और सेल प्रबंधन के बीच एनजेसीएस मीटिंग हुई। हर बार की तरह इस बार भी इस मीटिंग से कोई सार्थक परिणाम नहीं मिला और सभी बीएसपी वर्कर्स की उम्मीदों पर पानी फिर गया। अभी बीएसपी वर्कर्स के बहुत सारे मुद्दों का समाधान नहीं हुआ है, हर बार की सभी बीएसपी वर्कर्स ने एनजेसीएस मीटिंग से बहुत उम्मीदें लगाई थी, लेकिन एनजेसीएस मीटिंग में कोई अंतिम फैसला नहीं हो पाया।
बीएसपी वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष उज्जवल दत्ता ने कहा कि एक बार फिर एनजेसीएस युनियनों ने सभी बीएसपी वर्कर्स को धोखा दिया है। इस बार भी एनजेसीएस मीटिंग में बीएसपी वर्कर्स के मुद्दों पर कोई अंतिम फैसला नहीं हो पाया, और हर बार की तरह इस बार भी एनजेसीएस युनियन अगली मीटिंग की तारीख लेकर आ रही हैं। मीटिंग में जाने से पहले सभी एनजेसीएस यूनियन और उसके नेता बड़ी-बड़ी बातें और वादें करते है और समाचार पत्रों में भी खूब प्रचारित करतें है, लेकिन एनजेसीएस मीटिंग में इनसे एक मुद्दा भी ठीक से हल नहीं हो पाता। आज बीएसपी वर्कर्स पिछले 67 महीनों से वेतन समझौते की राह देख रहे हैं। इस बीच एनजेसीएस युनियनों ने अनगिनत एनजेसीएस मीटिंग कर TA-DA के रुप में खूब पैसा तो कमाया, लेकिन कर्मचारियों जुड़े कोई एक मुद्दे को अंतिम परिणाम तक नहीं ले जा पाएं। आज सभी बीएसपी वर्कर्स हर बार एनजेसीएस मीटिंग की असफलता और हर बार नई एनजेसीएस मीटिंग की तारीख मिलने से बहुत व्यथित है।

उज्जवल दत्ता ने आगे बताते हुए कहा कि इस बार मीटिंग में जाने से पहले सभी एनजेसीएस नेताओं पीपी मुक्त पे स्केल, एरियर, ग्रेच्युटी सीलिंग आदि मुद्दों के समाधान होने की बात खुब प्रचारित की, लेकिन एनजेसीएस मीटिंग में इस कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाया। हर बार की तरह ये एनजेसीएस युनियन और एनजेसीएस नेताओं ने सभी बीएसपी वर्कर्स को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस बार बीएसपी वर्कर्स इनको युनियन चुनाव में सबक सिखाने का मन बना लिया है।

बीएसपी वर्कर्स युनियन अध्यक्ष ने कहा कि सेल ने पिछले वित्तीय वर्ष में 16039 करोड़ लाभ 21950 करोड़ का कर्ज चुकाने के बाद कमाया है। फिर भी सेल मैनेजमेंट इनके सामने घाटे स्लाइड्स दिखा कर इनको गुमराह करता है और ये नादान बच्चे की तरह हाँ में हाँ मिलाते हैं। बीएसपी वर्कर्स के 67 महीने से लंबित वेज रिवीजन, ग्रेच्युटी सीलिंग, धीरे धीरे बंद होती सुविधाओं का मुख्य कारण एनजेसीएस नेताओं की नाकामी और एनजेसीएस मीटिंग में इनकी चुप्पी हैं। एनजेसीएस मीटिंग में कर्मचारियों के तरफ से शामिल होने वाले नेताओं में सिर्फ 20% ही नियमित कर्मचारी है, बाकि बचे 80% एनजेसीएस नेताओं को बीएसपी वर्कर्स की जमीनी समस्याओं का ज्ञान ही नहीं है, अब ऐसे नेता हमारा क्या भला करेंगे और हमारे कितने मुद्दे और समस्याओं का समाधान कर पाएँगे, आप खुद सोचिए। आज बीएसपी सहित सभी सेल कर्मचारियों के हित के लिए इस एनजेसीएस कमिटी का पुनर्गठन अतिआवश्यक है। सिर्फ नियमित कर्मचारियों वाला एनजेसीएस प्रतिनिधि मंडल ही कर्मचारियों का भला कर सकती है।

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