DGP जुनेजा ने ली दिनभर भिलाई में बैठक… मीटिंग में क्या-कुछ निकला‌ सार, क्या कानून व्यवस्था को लेकर नाराज है DGP?

पांच घंटे कंट्रोल रुम में चली मैराथन बैठक
-सड़क दुर्घटना रोकने पर भी फोकस करने कहा
भिलाई।
दुर्ग संभाग में बढ़ते अपराध कानून व्यवस्था को लेकर डीजीपी अशोक जुनेजा ने नाराजगी जताई। उन्होंने लॉ एंड ऑर्डर पर फोकस करते हुए कहा कि सभी संसाधन उपलब्ध होने के बाद भी लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति उत्पन्न होने के बाद भी पुलिस देर से क्यों पहुंचती है। क्या सुपरविजन हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुंख्यमंत्री के कार्यक्रम में कोई भी घूस जाता है। सुरक्षा व्यवस्था में चूक हो रही है।


सेक्टर-6 स्थित पुलिस कंट्रोल रूम में डीजीपी अशोक जुनैजा ने भिलाई में दुर्ग संभाग के सभी पुलिस अधीक्षक के साथ कानून व्यवस्था बढ़ते अपराध एवं नक्सल समस्या को लेकर समीक्षा बैठक ली। इस बैठक में डीजीपी के साथ आईजी नक्सल ऑपरेशन एवं एस आई बी ओपी पॉल आईजी गुप्त वार्ता आनंद छाबड़ा, आईजी सीआईडी डॉ. संजीव शुक्ला एवं आईजी दुर्ग बद्रीनारायण मीणा सहित 7 जिले के एसपी एवं अन्य पुलिस अधिकारी भी शामिल है। दुर्ग रेंज आईजी ने किया स्वागत छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा पुलिस कंट्रोल रूम भिलाई पहुंचे। सर्वप्रथम उनका स्वागत दुर्ग महा निरीक्षक बद्रीनारायण मीणा ने गुलदस्ता भेंट करके किया गया।

छत्तीसगढ़ पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने संभाग स्तरीय अपराधों की समीक्षा बैठक लेकर अधिकारियों को कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए। छत्तीसगढ़ में होने वाले विभिन्न प्रकार के अपराधों और कानून व्यवस्था पर करने के साथ ही पुलिस महानिदेशक ने कम्युनिटी और बेसिक पुलिसिंग पर जोर देने के निर्देश दिए। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में सामूहिक अपराधों पर लगाम लगाने के निर्देश दिए

दुर्ग संभाग के सातों जिलों के एसपी सहित आईजी और तमाम पुलिस के आला अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट कार्ड डीजीपी को सौंपा है। इस बैठक में डीजीपी ने जिले में क्राइम को रोकने और क्राइम को बढऩे के कारण पूछे । इस मीटिंग में दुर्ग संभाग के आईजी सहित रायपुर के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद है तो वही दुर्ग संभाग के अंतर्गत आने वाले 2 नए जिले खैरागढ़ छुई खदान गंडई और मानपुर मोहला चौकी के पुलिस अधिकारी भी मीटिंग में मौजूद हैं। जहां उनसे नए जिलों की क्राइम रेट और क्राइम कंट्रोल की जानकारी ली है। इस दौरान पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने कहा कि आज बैठक के माध्यम से अपराधों की समीक्षा करना जिसके माध्यम से आने वाले दिनों में जो चैलेंजेस आने वाले हैं उनका किस तरह से सामना किया जाए , इस पर चर्चा की गई है।

अपराध भी मौसम की तरह होते हैं। मानसून में अलग और गर्मी में अलग-अलग तरह के अपराध होते हैं इसके साथ ही अपराधों पर नियंत्रण कानून व्यवस्था वीआईपी ड्यूटी, रोड सेफ्टी में भी सही व्यवस्था करनी है इसके साथ ही नए जिलों के स्थापना के साथ नई रणनीति के तहत कार्य करना है जिसके लिए समीक्षा बैठक ली गई। डीजीपी बनने के बाद अशोक जुनेजा ने आज पुलिस के सामने चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कहां की अपराध एक डायनेमिक चीज है। और हमेशा बदलती रहती है। मैं जब एसपी था तब उस समय में क्रिप्टो करेंसी और साइबर क्राइम के मामले नही है। आज इन मामलों में वृद्धि हुई है जिस तरह राजनांदगांव में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के माध्यम से क्रिप्टो करेंसी का एक अपराध सामने आया है जो हमारे लिए केस स्टडी का विषय बन गया है। इस तरह हमे पुलिस को इस तरीके से सक्षम और तैयार करना है कि आने वाले चैलेंजेस को स्वीकार करे। इसलिए आज हमने रणनीति बनाई है कि आने वाले दिनों में कैसे हैंडल किया जाए।

डीजीपी ने नक्सलियों के बैकफुट पर जाने के सवाल पर कहा कि छत्तीसगढ़ की पुलिसिंग और केंद्रीय सुरक्षा बलों की सहायता से कई नक्सल ऑपरेशन चलाकर काफी हद तक नक्सलियों के कब्जे वाले कोर एरिया तक पहुंचने में सफलता हुए हैं। और उस सफलता के साथ साथ कोर एरिया में कैम्प लगाए गए हैं वहां से हम पुलिस विभाग के माध्यम से लोगों को सेवा दे रहें हैं। औऱ जनता का विश्वाश हासिल करने में सफल हुए हैं।