रायपुर। इस साल छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव है। भाजपा हर मोर्चे पर संगठन को मजबूत कर मैदान में उतरना चाहती है। लेकिन कोई न कोई नेता रायता फैला दे रहा है। ताजा मामला छत्तीसगढ़ के एक शहरी क्षेत्र के जिला का है। जहां के जिलाध्यक्ष अपनी कार्यकारिणी में शामिल होने वाले नेताओं के नाम लेकर पहुंच गए थे। नामों के एप्रूवल से पहले जिलाध्यक्ष जी को फटकार मिल गई। फटकारने वाला शख्श कोई हल्का-पुल्का पदाधिकारी नहीं है। जिले के प्रभारी और संगठन के वरिष्ठ नेता हैं। दरअसल, 24 जनवरी को जिलाध्यक्ष महोदय अपनी संभावित कार्यकारिणी की सूची लेकर पहुंचे थे। सूची में दो महामंत्री के नाम थे। दोनों ओवरएज वाले नेता थे। इन दोनों ओवरएज वाले नेताओं के नाम को देखकर प्रभारी तमतमा गए। हालांकि, उन्होंने बहुत सरल और प्यार भरे शब्दों से इस पर आपत्ति जताई। फिर कहा, खुद तो बुजुर्ग हो, अपनी टीम भी बुजुर्ग क्यों बना रहे हो…? इस साल चुनाव है। जिसे जीतने के लिए काम करने वाली तगड़ी टीम चाहिए। न कि डायरेक्शन देने वाले बुजुर्ग नेता। अब उस कार्यकारिणी को लेकर जिलाध्यक्ष वापस लौट गए। दो महामंत्री कौन होंगे…? इसके नाम पर मंथन शुरू हो गया है। अब महामंत्री के लिए एक सीनियर पार्षद का नाम आगे किया गया है। वहीं दूसरे महामंत्री 60+ के होंगे।