भिलाई। दुकानों के बाहर सामान रखकर व्यापार करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही बाजार के लिए सड़कों के आसपास की जगह को घेरने पर भी सख्ती के निर्देश निगम आयुक्तों को दिये गये।
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने कहा कि निगम आयुक्त यह सुनिश्चित करें कि दुकानों के बाहर सामान रखकर व्यापार न किया जाए।
इसकी वजह से ट्रैफिक बाधित होता है और आम नागरिकों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है। कहीं कहीं निगम क्षेत्रों में सड़कों के बिल्कुल पास तक बाजार लगाया जा रहा है, इस पर भी सख्त कार्रवाई करें। कलेक्टर ने कहा कि इसके अलावा निगम क्षेत्रों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें।
जिन क्षेत्रों में सफाई की नियमित रूप से शिकायत आती है वहां निगम आयुक्त विशेष रूप से निरीक्षण करें और ऐसी व्यवस्था तैयार करें कि समस्या का स्थायी निदान हो।
उन्होंने कहा कि जिन मार्केट एरिया में पार्किंग की दिक्कत आ रही है, वहां इसके निपटारे के लिए स्थायी व्यवस्था तैयार करें। कलेक्टर ने आज स्कूली बच्चों के जाति प्रमाणपत्र बनने की समीक्षा भी की।
उन्होंने कहा कि जो बच्चे छूट गये हैं, उनका जातिप्रमाणपत्र बनाना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही महतारी दुलार योजना के अंतर्गत पात्र सभी बच्चों को योजना का लाभ दिलाना सुनिश्चित करें।
कलेक्टर ने राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना के हितग्राहियों को मिलने वाले लाभ सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। अधिकारियों ने बताया कि डीबीटी हो रहा है। कलेक्टर ने कहा कि रैंडम नंबर उठाकर फोन काल कीजिए, इससे आपकी मानिटरिंग बेहतर होगी।
उन्होंने कहा कि वे भी हितग्राहियों को फोन करेंगे। कोशिश हो कि सभी पात्र हितग्राहियों तक इन योजनाओं का लाभ पहुंचे। यदि किसी तकनीकी दिक्कत की वजह से यह नहीं हो पा रहा है तो इसे ठीककर इसे सुनिश्चित किया जाएगा।
बैठक में अपर कलेक्टर श्रीमती नूपुर राशि पन्ना, एडीशनल कलेक्टर श्रीमती पद्मिनी भोई, भिलाई निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे, सहायक कलेक्टर हेमंत नंदनवार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
4 मार्च से 8 अप्रैल तक चलेगा शिशु संरक्षण माह, पिलाए जाएंगे विटामिन ए और आईएफए सीरप- बच्चों को विटामिन ए और आईएफए की खुराक दिलाने के लिए महती अभियान चलाया जाएगा।
इसके अंतर्गत 9 महीने से 5 वर्ष के बच्चों को विटामिन की सीरप तथा 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को आईएफए का सीरप दिया जाएगा। इसके साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों का वजन भी लिया जाएगा।
अति गंभीर कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भेजा जाएगा। कलेक्टर ने इसका माइक्रो प्लान पूछा और कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण अभियान है। इसमें शतप्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में काम कीजिए।