बारिश में अटकेंगे करोड़ों के प्रोजेक्ट: दुर्ग विधायक वोरा ने PWD अफसरों से कहा- डामरीकरण और मेंटेनेंस का काम पूरा करें, सड़कों में न दिखे गड्‌ढे

भिलाई। स्टेट वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के चेयरमेन दुर्ग के वरिष्ठ कांग्रेस विधायक अरुण वोरा ने नेहरू नगर चौक से मिनीमाता चौक तक जीई रोड के उन्नयन और सौंदर्यीकरण कार्य की गति धीमी होने पर सख्त नाराजगी जताई है। वोरा ने पीडब्लूडी अफसरों से कहा है कि रोड निर्माण कार्य अधूरा है। बारिश के पहले जीई रोड का डामरीकरण किया जाना जरूरी है। इसके अलावा पटेल चौक से स्टेशन रोड सहित अन्य प्रमुख सड़कों का डामरीकरण भी किया जाए। डामरीकरण न होने की स्थिति में बारिश होने पर सड़कों पर चलना दूभर हो जाएगा।
वोरा ने कहा कि 64 करोड़ की लागत से जीई रोड के उन्नयन और सौंदर्यीकरण कार्य शुरू से बेहद धीमी गति से हो रहा है। आम जनता को चौड़ी सड़क पर आवागमन की सुविधा जल्द से जल्द मिलना चाहिए। सड़कों पर उड़ती धूल और गड्‌ढों से आम जनता को परेशानी हो रही है। वोरा ने कहा कि दो माह पहले तक लगातार टोकने के बाद काम में गति आई लेकिन अब फिर से रोड निर्माण का कार्य सुस्त चाल से हो रहा है।
वोरा ने कहा कि भूमिपूजन के बाद लगभग डेढ़ साल से ज्यादा समय हो गया है। अभी तक चौक-चौराहों की शिफ्टिंग का काम नहीं किया गया है। फिल्टर प्लांट के सामने गार्डन का निर्माण भी रुक रुक कर हो रहा है। रोड के किनारे ड्रेनेज सिस्टम और नालों की रिटेनिंग वाल का निर्माण भी अधूरा है। आधे-अधूरे निर्माण कार्यों से जीई रोड पर बारिश के दौरान आवागमन में दिक्कत हो सकती है। बेहतर होगा कि बारिश से पहले सड़क का डामरीकरण कर आवागमन की बेहतर सुविधा दी जाए।
वोरा ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कहा कि जीई मार्ग पर प्रकाश व्यवस्था के लिए 12 करोड़ रुपए मंजूर किये गए हैं। पोल लगाए गए हैं लेकिन अभी तक लाइट लगाने का काम नहीं किया गया। सड़क पर अंधकार से दुर्घटना हो रही है। यह काम तत्काल शुरू किया जाना चाहिए। जीई रोड जैसे व्यस्ततम रोड पर रात के समय पर्याप्त प्रकाश होना जरूरी है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुर्ग शहर में रोड के उन्नयन और सौंदर्यीकरण कार्य का वर्चुअल भूमिपूजन 2 अक्टूबर 2020 को किया था। भूमिपूजन के बाद रोड उन्नयन का काम शुरू नहीं हुआ। इस योजना की मंजूरी दिलाने वाले विधायक अरुण वोरा के कड़े निर्देशों के बाद पीडब्लूडी अफसरों ने दिसंबर 2020 को यह काम शुरू किया। बीते डेढ़ साल से ज्यादा समय बीतने के बावजूद काफी काम अधूरे पड़े हैं।

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