दुर्ग। दुर्ग रेंज पुलिस महानिरीक्षक ने शुक्रवार को पुलिस अधीक्षकों की बैठक ली। इस दौरान IG ने अपराध नियंत्रण, नागरिकों की सुनवाई और तकनीकी संसाधनों के प्रभावी उपयोग तथा बेसिक पुलिसिंग को सुधारने पर जोर दिया। पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज रामगोपाल गर्ग के द्वारा एक महत्वपूर्ण बैठक अपने कार्यालय में आयोजित की, जिसमे रेंज के जिला दुर्ग, बालोद एवं बेमेतरा के पुलिस अधीक्षकों के साथ कानून-व्यवस्था की वर्तमान स्थिति, नई चुनौतियों तथा आगामी कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की गई।

बैठक के नवीन आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया कि नवीन आपराधिक कानूनों की बारीक समझ और सही अनुपालन ही न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में पहला कदम है। स्थानीय व संगठित अपराधों की रोकथाम के लिए क्षेत्रीय विश्लेषण आधारित योजना बनाने के निर्देश दिए गए। जनसंवेदनशील स्थानों पर पुलिस उपस्थिति बढ़ाने, निगरानी तंत्र को मजबूत करने और अपराधियों पर निरंतर कार्रवाई करने पर बल दिया गया। पुराने लंबित प्रकरणों का निराकरण कर गंभीर प्रकरणों की सूची बनाकर प्राथमिकता के आधार पर उनका जल्द से जल्द निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
थानों में आने वाले आम नागरिकों की शिकायतों की निष्पक्ष, संवेदनशील और समयबद्ध सुनवाई व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी बनाने के निर्देश दिए गए। गर्ग ने जोर देकर कहा कि जनता का पुलिस पर विश्वास तभी बनता है जब उसकी बात सुनी जाती है और उस पर उचित कार्रवाई होती है। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में रात्रि गश्त को प्रभावी बनाने हेतु आधुनिक संसाधनों और बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर चर्चा हुई। विशेषकर अपराध संभावित क्षेत्रों में नियमित पेट्रोलिंग और चेकिंग को सख्ती से लागू करने तथा बेसिक पुलिसिंग को सुधारने के निर्देश दिए गए।
तकनीकी संसाधनों के प्रयोग की आवश्यकता पर बल देते हुए ‘त्रिनयन सीसीटीवी मॉनिटरिंग सिस्टम’, ‘सशक्त एप’ और ‘आईओ मितान ऐप’ के नियमित उपयोग एवं अपडेट पर विशेष जोर दिया गया। अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि इन प्लेटफॉर्म्स का उपयोग कर न केवल निगरानी को बेहतर बनाया जाए, बल्कि विवेचना प्रक्रिया को भी अधिक पारदर्शी और सटीक बनाया जाए। इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग विजय अग्रवाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बेमेतरा रामकृष्ण साहू और पुलिस अधीक्षक बालोद योगेश कुमार पटेल बैठक में उपस्थित रहे।