भिलाई। हेमचंद यादव विष्वविद्यालय, दुर्ग में स्नातक स्तर के प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए ऑनलाइन पोर्टल पुनः 16 अगस्त तक खोला गया है। जिन महाविद्यालयों के प्राचार्यों ने प्रवेश सीटें भर जाने के कारण उन महाविद्यालयों के प्रवेश पोर्टल को न खोलने का विवि को लिखित आवेदन दिया था उन महाविद्यालयों का प्रवेश पोर्टल बंद रखा गया है। इनके अलावा समस्त महाविद्यालयों का प्रवेश पोर्टल 16 अगस्त तक खोला गया है। यह जानकारी देते हुए विवि के कुलसचिव, भूपेन्द्र कुलदीप एवं पोर्टल प्रभारी, उपकुलसचिव, डॉ. राजमणि पटेल ने बताया कि विष्वविद्यालय की अधिकृत वेबसाइड को अपग्रेड करने का कार्य जारी है। यही वजह है कि वेबसाइट फिलहाल नहीं खुल रही है, परन्तु ऑनलाइन प्रवेष हेतु इच्छुक विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इस दृष्टि से एक वैकल्पिक लिंक https//durg1ucanapply.com जारी किया गया है। इस पर क्लिक करने पर विद्यार्थी अपना ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकते हैं। इसी लिंक के सहायता से विद्यार्थी अपना परीक्षा परिणाम भी देख सकता है। अब जो विद्यार्थी आॅनलाईन रूप से आवेदन करेंगे उनकी प्रवेष सूची 17 अगस्त को जारी होगी।
विवि के अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डाॅ. प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि दिनांक 12 अगस्त 2022 तक महाविद्यालयों में लगभग 50-60 प्रतिशत स्नातक स्तर की प्रथम वर्ष में प्रवेश की सीटें भर चुकी हैं। साइंस कॉलेज, दुर्ग में 70%, शासकीय पाटणकर कन्या महाविद्यालय, दुर्ग में 75%, शासकीय महाविद्यालय, उतई में 60%, शासकीय महाविद्यालय, भिलाई 03 में 60%, शासकीय महाविद्यालय, बोरी में 60%, शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय, राजनांदगांव में 65%, शासकीय पीजी कॉलेज, कवर्धा, बेमेतरा एवं बालोद में 60-60% स्थान भर चुके हैं।
स्नातकोत्तर स्तर पर जारी प्रथम सूची में अनेक विद्यार्थियों ने विज्ञान संकाय में अपना प्रवेष ले लिया है, परन्तु कला संकाय एवं वाणिज्य संकाय में कई विषयों में स्थान रिक्त होने के कारण प्रवेश प्रक्रिया जारी है। अधिकांश निजी महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर बीए, बीकॉम, बीएससी, बीसीए, बीबीए, आदि की प्रवेष सीटें पूर्ण रूप से नहीं भरी हैं। शुल्क में अंतर के कारण विद्यार्थियों की पहली पसंद शासकीय महाविद्यालय होते है। जैसे ही इन शासकीय महाविद्यालयों की सीटें पूर्ण रूप से भर जायेंगी तो निजी महाविद्यालयों की प्रवेष प्रक्रिया में तेजी आयेगी। वर्तमान में दुर्ग, भिलाई के निजी महाविद्यालयों में भी 50-60 प्रतिषत् सीटें भर चुकी है।