छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: नई ECIR दर्ज करने के बाद एक्शन में ED… शनिवार को अनिल टुटेजा और उनके बेटे को ED साथ ले गई, तड़के गिरफ्तार कर कोर्ट में किया पेश, बेटे को छोड़ा

  • सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया था मनी लॉन्डरिंग का केस
  • ED ने टुटेजा को बताया “आर्किटेक्ट ऑफ लिकर स्कैम”
  • EOW में दर्ज FIR के आधार पर ED ने दर्ज की नई ECIR

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाले में ED ने नया ECIR दर्ज किया था। नई ECIR के बाद प्रवर्तन निदेशालय हरकत में आया है। इसी कड़ी में शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय ने रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा को अपने साथ ले गई थी। ED ने रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। रविवार सुबह ED ने गिरफ्तारी के बाद टुटेजा को कोर्ट में पेश किया। वहीं, पूछताछ के बाद टुटेजा के बेटे यश को छोड़ दिया है। गौरतलब है कि शनिवार 20 अप्रैल को प्रवर्तन निदेशालय ने अनिल टुटेजा व उनके पुत्र यश टुटेजा को EOW कार्यालय से बाहर निकलते समय ही अपनी साथ में लेकर रवाना हो गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया था मनी लॉन्डरिंग का केस
छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला केस में 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की ECIR को रद्द कर दिया था। इसके साथ ही अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश समेत 6 आरोपियों को राहत मिली थी। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 2 दिन बाद ही इस केस में EOW की FIR को अधार बनाते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने नई ECIR दर्ज की थी। ED ने आज सुबह करीब 4 बजे अनिल टुटेजा की गिरफ्तारी दिखाई है।

ED ने टुटेजा को बताया “आर्किटेक्ट ऑफ लिकर स्कैम”
वहीं, पूछताछ के बाद उनके बेटे यश टुटेजा को छोड़ दिया गया है। टुटेजा को आज कोर्ट में पेश किया गया है। ED ने उन्हें आर्किटेक्ट ऑफ लिकर स्कैम बताया है। ED ने अनिल टुटेजा की गिरफ्तारी में कई आधार बताए हैं। करीब 16 पन्नों पर ED ने ग्राउंड ऑफ अरेस्ट का ब्योरा दिया है। ED ने कहा है कि शराब घोटाले में अनवर ढेबर ने सिंडिकेट बनाया और उस सिंडिकेट को सबसे ज्यादा पावर अनिल टुटेजा से मिलती थी, जो कंट्रोलर की भूमिका में थे।

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