ED ने अपनी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में पूर्व CM भूपेश के नाम का किया जिक्र: ED के अनुसार महादेव सट्टा बुक के प्रमोटर्स ने भेजी थी रकम…! बघेल ने बयान जारी कर क्या कहा? पढ़िए पूरी खबर

रायपुर। आप सभी को यद् होगा छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दौरान भूपेश बघेल को महादेव सट्टा बुक के प्रमोटर्स की तरफ से 508 करोड़ रुपए दिए जाने की बात कही जा रही थी। ED ने अब चार्जशीट में भी इसका जिक्र किया है। असीम दास के बयान के अनुसार महादेव ऑनलाइन बुक के एक प्रमोटर शुभम सोनी ने उसे कैश पहुंचाने का काम सौंपा था। दैनिक भास्कर डॉट कॉम में छपी एक खबर की माने तो, ED के अनुसार मामले में एक और बड़ा नाम मिला है, जिससे कई और खुलासे हो सकते हैं। ये राजदार नेताओं और अफसरों तक पहुंचने वाले पैसों का हिसाब-किताब रखता था। इसे 10 जनवरी को कोर्ट में पेश किया जा सकता है। इसी के बयान के बाद ही शुभम सोनी को महादेव बुक का तीसरा संचालक मानते हुए प्रथम अभियोजन परिवाद में आरोपी बनाया गया है।

इस पुरे मामले में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने सप्लीमेंट्री चार्जशीट में जिस तरह से मेरा नाम लिखा है, वह पूरी तरह से राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है। ईडी अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर कूटरचना कर लोगों को गिरफ़्तार कर रही है और उनसे दबावपूर्वक मेरे और मेरे सहयोगियों के ख़िलाफ़ बयान दिलवा रही है। इन बयानों में जो पैसों के लेनदेन के आरोप लगाए गए हैं उनका कोई आधार नहीं है। भूपेश बघेल ने कहा कि, जिस असीम दास के पास से रुपए बरामद हुए थे उसने जेल से अपने हस्तलिखित बयान में कह दिया है कि उन्हें भी धोखे में रखकर फंसाया गया है और उन्होंने कभी किसी राजनेता व उनसे जुड़े लोगों को पैसा नहीं पहुंचाया। अब ईडी दावा कर रही है कि उसने यह बयान भी वापस ले लिया है। यह किस दबाव में हो रहा है, उसे सब जानते हैं।

भूपेश बघेल ने कहा कि, अब सवाल यह है कि ईडी ने जिस दिन कथित रूप से असीम दास से रुपए बरामद किए थे उस घटना की पूरी रिकॉर्डिंग ईडी के पास है। इसका मतलब है कि पूरी घटना पूर्व नियोजित थी और इसका मतलब यही है कि इसकी कूटरचना ईडी ने ही की थी। ईडी ने दावा किया है कि चंद्रभूषण वर्मा ने भी अपना पहले का बयान वापस ले लिया है। हम तो शुरुआत से कह रहे हैं कि ईडी मारपीट से लेकर धमकी देने तक हर हथकंडे अपनाकर मेरा व मेरे सहयोगियों का नाम लेने का दबाव बना रही है। ईडी के नए दस्तावेज से यह और स्पष्ट हो गया है।

भूपेश बघेल ने कहा कि, महादेव ऐप के घोटाले की जाँच मैंने ही मुख्यमंत्री रहते हुए खुद शुरू की थी। मैं चाहता था कि इस पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हो और युवाओं को जुआखोरी की ओर धकेल रहे इस अपराध पर रोक लगे। छत्तीसगढ़ सरकार की इस जाँच के आधार पर ही ईडी धन-शोधन का मामला बनाकर जाँच कर रही है लेकिन दुर्भाग्य है कि ईडी ने जाँच को अपराध की बजाय राजनीतिक दबाव व बदनामी का हथियार बना लिया है। महादेव ऐप के पूरे मामले को जिस तरह से राजनीतिक रंग दिया गया है उससे साफ है कि इसका उद्देश्य अब असली अपराधियों को बचाने और राजनीतिक दुष्प्रचार कर भाजपा को फायदा पहुँचाने का ही रह गया है।