रूंगटा R-1 ग्रुप ऑफ कॉलेज में ESIC भिलाई हॉस्पिटल ने लगाया मेगा हेल्थ चेकअप कैम्प… एक्सपर्ट बोले- “सिर्फ मीठी चीजें खाने से नहीं होता डायबिटीज; मधुमेय से कैसे बचें…? जानिए

भिलाई। भिलाई के रूंगटा R-1 ग्रुप ऑफ कॉलेज में ESIC (कर्मचारी राज्य बीमा निगम) ने एक दिवसीय मेगा हेल्थ चेकअप कैंप लगाया। इस दौरान एक्सपर्ट्स ने बताया कि, फूड, अनियमित दिनचर्या और तनाव ने मधुमेय यानी डायबिटीज के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। पहले तक यह बीमारी 40 वर्ष के बाद हुआ करती थी, लेकिन अब इसके लिए कोई आयु सीमा तय नहीं है। यह बातें मंगलवार को रूंगटा आर-1 ग्रुप ऑफ कॉलेज और कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल भिलाई के संयुक्त तत्वावधान में हुए मेगा हेल्थ चेकअप कैंप के दौरान नोडल ऑफिसर डॉ. सुकेशनी जाधव ने कहीं। इस कैंप में कॉलेज के 180 से अधिक ईएसआईसी प्राप्त कर्मचारियों को फ्री चेकअप किया गया।

इस दौरान कर्मचारियों में ब्लड प्रेशर के बाद सबसे अधिक केस शुगर के मिले। इसके मद्देनजर डॉ. सुकेशनी ने कहा कि वर्तमान दौर में युवाओं में डायबिटीज टाइप-1 के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। शुगर की बीमारी से ग्रसित व्यक्ति यदि थोड़ी सावधानियां बरते तो इससे तबीयत हमेशा बेहतर रह सकती है। शिविर के दौरान मरीजों को दवाइयां भी वितरित की गई। कार्यक्रम में रूंगटा ग्रुप के चेयरमैन संतोष रूंगटा, डायरेक्टर डॉ. सौरभ रूंगटा, सीनियर मैनेजर एचआर सुमित भल्ला, एग्जीक्यूटिव श्यामजीत दुबे और रूपा गुप्ता मौजूद रहे। सभी ने ईएसआईसी कैंप के दौरान मरीजों का हालचाल जाना। कैंप में शुगर, त्वचा रोग, दंत चिकित्सा और नेत्ररोग जैसे विभिन्न बीमारियों के एक्सपर्ट डॉक्टर शामिल रहे और उन्होंने मरीजों को परामर्श दिया।

तनाव को त्यागना होगा
विशेषज्ञ डॉ. सुकेशना का कहना है कि दुर्ग सहित छत्तीसगढ़ में अनुवाशिंक रूप से डायबिटीज के मरीज कम है। अधिकांश मरीज खराब दिनचर्या व भोजन की गुणवत्ता के कारण मधुमेय से प्रभावित होते हैं। ईएसआईसी की मेडिकल ऑफिसर शहनाज वीसी ने बताया कि डायबिटीज की बीमारी अलग-अलग लोगों में अलग -अलग तरह से हो सकती है। डायबिटीज स्थायी और अस्थायी दोनों तरह की हो सकती है। कैंप के दौरान आई स्पेशिलिस्ट डॉ. सुकुमारी साहू, गायनाकोलॉजिस्ट डॉ. कीर्ति भंडारी, डेंटिस्ट डॉ. सुनील नायक और जूनियर रेसीडेंस डॉ. श्रीहरिणी मौजूद रहे।

क्या है मधुमेह के दुष्प्रभाव
डायबिटीज अनियंत्रित रहने पर ब्लड में शुगर अधिक बढ़ जाता है। इसका गंभीर असर रक्त धमनियों, आंखों और किडनी के अलावा शरीर के जोड़ों और हड्डियों पर पड़ता है। मधुमेह को अनियंत्रित छोड़ देने से पैरों में अल्सर और संक्रमण के अलावा डायबिटिक फुट की समस्या हो सकती है। इसमें पैरों को काटने तक की नौबत आ सकती है। इसके अलावा ओस्टियोपोरोसिस और ऑर्थराइटिस की समस्याभी बढ़ सकती है।

मधुमेह के लक्षण
प्यास अधिक लगना, लगातार पेशाब आना, अत्यधिक भूख लगना, बिना वजह शरीर का वजन घटना, पेशाब में किटोन की उपस्थिति, लगातार थकान का होना, चिड़चिड़ापन का होना।

मधुमेय से कैसे बचें

  • सबसे पहले तो जंक फूड कम करना होगा।- मीठा खाने से डायबिटीज नहीं होती, यह एक भ्रम है।
  • रोजाना दिन में कम से कम 5 किलोमीटर की पैदल सैर करें।- दिनभर बैठकर काम करने से मधुमेय की संभावना अधिक।
  • रोजाना कम से कम 30 मिनट की एक्सरसाइज बेहद जरूरी।- किसी भी समय खाना और फिर तुरंत सोना भी खतरनाक।
  • स्ट्रेस यानी तनाव को दूर रखें, यही सबसे बड़ी वजह।- मोटापा नहीं होने दें। बीएमआई को 24 के नीचे रखें।
  • पैरेंट्स को डायबिटीज है तो बच्चों में भी संभावना।
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