दुर्ग रेलवे स्टेशन में फेक TTE को RPF ने किया अरेस्ट: ऐसे लगा रहा था रेलवे को चूना, फर्जी ID बना कर करता था असली टिकट कलेक्टर जैसी हरकत… ऐसे हुआ खुलासा; जानिए मामला

दुर्ग। रेलवे प्रोटेक्शन फाॅर्स (RPF) ने फर्जी टिकट कलेक्टर को पकड़ा है। दरहसल आरोपी फर्जी ID कार्ड बना कर अंबिकापुर एक्सप्रेस में यात्रियों का टिकट चेक कर रहा था। आरोपी लगातार अवैध वसूली का काम कर रहा था। इसकी सूचना मिलते ही RPF ने जाँच शुरू की और उसे अरेस्ट किया गया। दरहसल शुक्रवार को एक यात्री ने दुर्ग स्टेशन मेन गेट पर कार्यरत TTE को सूचना दिया कि एक व्यक्ति जिसने सुबह ट्रेन नंबर 18242 अंबिकापुर एक्सप्रेस में अंबिकापुर से दुर्ग तक यात्रा के दौरान उसका टिकट चेक किया था जो कि फर्जी लग रहा था जिसकी सूचना उसने आरपीएफ उसलापुर को दिया था आरपीएफ के द्वारा उस व्यक्ति को ढूंढा गया परंतु वह व्यक्ति नहीं मिला।

शाम को फिर से वहीं यात्री दुर्ग से अंबिकापुर जाने के लिए प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर खड़ा था तो वही टिकट चेक करने वाला फर्जी TTE 8 बजे दिखाई दिया जिसकी सूचना उसने कार्यरत टीटीई को दी। कार्यरत टी टी ई एवं आरपीएफ़ महिला आरक्षक रितु कुशवाहा एवं प्रधान आरक्षक प्रेमलाल करतार द्वारा एस के सिन्हा आरपीएफ पोस्ट प्रभारी दुर्ग को उक्त व्यक्ति के संबंध में सूचित किया गया।

आरोपी को पकड़ा गया प्रभारी द्वारा पूछताछ करने पर उसने अपना नाम पता अवधेश साहू पिता जगदीश साहू उम्र 31 वर्ष निवासी डबरी पारा थाना सूरजपुर जिला सूरजपुर छत्तीसगढ़ बताया। उसके पास रेलवे का डुप्लीकेट आई कार्ड जिसमें उसका नाम संतोष स्टेशन नाम LJKR पदनाम TA II ऑपरेटिंग विभाग, बिलासपुर मंडल है पाया गया। साथ ही भारतीय रेलवे का आइडेंटिटी कार्ड का पट्टा पहना हुआ था। उसके आधार कार्ड में उसका नाम अवधेश साहू लिखा था उसके पास प्राप्त आई कार्ड एवं आधार कार्ड दोनों में इस व्यक्ति का फोटो था। उस व्यक्ति द्वारा रेलवे का डुप्लीकेट आई कार्ड रखकर ट्रेन में टिकट चेक कर रेलवे को आर्थिक क्षति पहुंचा जा रहा था। जिसे पकड़ कर वैधानिक कार्यवाही हेतु दिनांक 1शनिवार को जीआरपी चौकी प्रभारी दुर्ग को अग्रिम कार्यवाही हेतु हैंड ओवर किया गया। जीआरपी दुर्ग द्वारा उक्त व्यक्ति से पूछताछ करने पर उसके द्वारा अपराध स्वीकार करने पर उसके विरुद्ध अपराध क्रमांक 102/2023 दिनांक 12.08.2023 धारा 420 भारतीय दंड संहिता दर्ज कर अग्रिम कानूनी कार्यवाही हेतु न्यायालय दुर्ग में पेश किया गया।

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