दिल को छू लेने वाली त्रासदी: नक्सलियों के लगाए गए IED ब्लास्ट का शिकार हुआ बेजुबान… धमाके से मादा भालू और भूख से दो नन्हे शावकों की तड़प-तड़प कर मौत

दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले दंतेवाड़ा से दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। दंतेवाड़ा जिले के बारसूर थाना क्षेत्र में नक्सलियों के बिछाए गए आईईडी के धमाके में एक मादा भालू की दर्दनाक मौत हो गई। इसके साथ ही भूख के कारण उसके दो शावकों की भी जान चली गई। यह घटना बस्तर के एक और निर्दोष शिकार की कहानी बन गई, जहां नक्सलियों के घातक हथियारों का शिकार बेकसूर जीव और मानव हो रहे हैं।

बारसूर के कोहकाबेड़ा इलाके में नक्सलियों ने सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए प्रेशर आईईडी लगाई थी, जो इस बार एक मादा भालू के लिए मौत का कारण बन गई। आईईडी के धमाके से मादा भालू की मौके पर ही मौत हो गई। अपनी मां को मृत देखकर, उसकी दो छोटे शावक भूख से तड़पते हुए दम तोड़ गए। यह दृश्य बेहद भावनात्मक और दिल को छू लेने वाला था, क्योंकि शावक अपनी मां के बिना दुनिया में अकेले रह गए थे।

गुरुवार सुबह जब ग्रामीणों ने घटनास्थल पर पहुंचकर देखा, तो मादा भालू खून से सनी पड़ी हुई थी, और उसके दो छोटे बच्चे भी पास में मृत अवस्था में थे। ग्रामीणों ने बताया कि आईईडी के धमाके के कारण मादा भालू घायल हो गई थी और बाद में उसकी मौत हो गई।

इस घटना में एक और दुखद पहलू सामने आया। नक्सलियों के द्वारा बिछाए गए आईईडी के हमले में एक स्थानीय ग्रामीण की भी मौत हो गई। यह नया नहीं है, क्योंकि बस्तर के अन्य इलाकों में भी नक्सलियों द्वारा बिछाए गए आईईडी के हमलों में कई निर्दोष लोग और जानवर अपनी जान गवा चुके हैं। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि नक्सलियों के हमलों का शिकार केवल जवान और सुरक्षाबल नहीं होते, बल्कि निर्दोष नागरिक और जानवर भी इन हमलों का शिकार बनते हैं। यह घटना न केवल एक दुखद घटना है, बल्कि हमारे समाज और प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता को भी चुनौती देती है।

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